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मणिपुर की घटना पर घड़ियाली आंसू बहा रहे है कांग्रेस के नेता, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर जुबान पर ताला क्यों है

बिहार में नरसंहार के संपोषकों के साथ किस मजबूरी के साथ किया गठबंधन

औरंगाबाद।भारतीय जनता पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष सह विधान पार्षद प्रतिनिधि आलोक कुमार सिंह ने रविवार को एक प्रेस बयान जारी कर बताया कि विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म पर आज कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता का बयान पढ़ा और देखा। उनके द्वारा मणिपुर की घटना को लेकर शर्मनाक हरकत और बहुत ही ओछी प्रतिक्रिया दी गई है। मणिपुर की घटना अत्यंत निंदनीय है जिसे लेकर कोई राजनीति नही होनी चाहिये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की और इसकी व्यापक जांच के लिये सीबीआई जांच प्रारम्भ करायी है । कांग्रेस की सीबीआई जांच से बेचैनी क्यो बढ़ गयी है। यह स्पष्ट करना चाहिये कि क्या कांग्रेस पार्टी के लोगों को देश की संवैधानिक संस्था पर विश्वास नही है ?

आखिर कांग्रेस पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुद्दे पर चुप क्यों हो जाती ? पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर कांग्रेस की संवेदना क्यो मर गयी ? मणिपुर को लेकर संसद में कांग्रेस की हठधर्मिता से देश का लोकतंत्र शर्मिंदा है । मणिपुर के मैती समुदाय के लोगो की हकमारी कर 1968 में कांग्रेस ने वोट बैंक के चलते कुकी समाज के लोगो को बसाया था । आज उसी का दंश मणिपुर झेल रहा है। कांग्रेस को यह भी बताना चाहिये कि औरंगाबाद के दलेलचक, बघौरा, आजन छेछानी, सेनारी, मियांपुर जैसे घटना के संपोषक लोगो के साथ किस मजबूरी में सत्ता का गठजोड़ बनाया है ? भागलपुर दंगे पर कांग्रेस की नैतिकता कहाँ थी ? दरमियां, बाथे नरसंहार के समय कांग्रेस की आवाजें क्यो कुंद थी ? देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एक बहुआयामी सरकार ने अपनी सफलता का 9 साल पूरा किया है।

इन 9 वर्षों का लेखा जोखा आम जनता के जेहन में है। देश एक तरफ धारा 370 के समाप्त होने से 36 साल के बाद पहली बार मुस्लिम समाज के लोगो द्वारा मुहर्रम का जुलूस ताजिया के साथ निकाला गया । देश मे पहली बार वैश्विक आपदा कोरोना काल मे कोविड से निपटने के लिये प्रभावी ढंग से काम करते हुये स्वदेशी वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सिन से देश वासियों को सुरक्षित करने में सफल हुआ। तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 1.70 लाख करोड़ का आवंटन किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से 80 करोड़ गरीबो के घर अन्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराया। युवा पीढ़ी को सशक्त बनाते हुये 390 नये विश्विद्यालय 7 नये आईआईटी , 7 नये आईआईएम, 15 एम्स, 225 मेडिकल कॉलेज की स्थापना किया गया ।

देश मे पहली बार नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कराने के लिये आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपया तक का बीमा कवर उपलब्ध कराया । जनधन खाता जिसके तहत केवल बिहार में 8 करोड़ से अधिक लोगो का खाता खोला गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 41 लाख लोगों का सिर्फ बिहार में आवास उपलब्ध कराया गया। वैसे पूरे देश मे 3 करोड़ से ज्यादा गरीबो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया । देश मे पहली बार किसानों के हित मे यह सरकार प्रतिबद्ध रही जिन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत बिहार के 81 लाख परिवारों को लाभ प्रदान किया।

देश स्तर पर 12 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को लाभ दिया गया है । उज्ज्वला योजना के तहत लगभग 10 करोड़ परिवार को मुफ्त गैस कनेक्शन देना बहुत बड़ी उपलब्धि है । युवाओ को रोजगार उपलब्ध कराने में मुद्रा योजना , प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना क्रांतिकारी कदम है आज युवा इस योजना से जुड़ कर आत्मनिर्भर हो रहे । देश मे आत्मिर्भर भारत मिशन के तहत सैमसंग और आईफोन जैसे कम्पनियों में 3.5 लाख युवा काम कर रहे । 5.5 लाख लोग LED बल्ब जिसे विभिन्न कम्पनियो में काम कर आत्म निर्भर बन रहे । तीन तलाक समाप्त कर देश के मुस्लिम बहनों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया।

राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, माता विंध्यवासिनी कॉरिडोर, बाबा केदारनाथ कॉरिडोर का निर्माण कर मोदी सरकार ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को पुष्ट किया है तो वही दूसरी तरफ हज के लिये मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहर के सीएस भी हज यात्रा करने की सहूलियत देकर उन्हें सशक्त बनाया है। कांग्रेस के लोगो को आज देश का विकास नही पच रहा, जिनकी नीति सदैव से लूटने खसोटने की रही। जिसके प्रायः सभी बड़े नेता भ्रष्टाचार के आरोप में या तो जेल यात्रा कर चुके है या बेल पर है । 2G स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ, कोलगेट, नेशनल हेराल्ड, जैसे अनगिनत घोटालो की जनक कांग्रेस पार्टी के नेता आज घड़ियाली आंसू बहा रहे।

जिस पार्टी की गलत नीतियों का दंश आज भी मगध प्रमंडल की लाइफ लाइन उत्तर कोयल परियोजना झेल रहा है उन्हें इस पर बोलने का कोई हक नही है ? यदि थोड़ा भी स्वाभिमान जिंदा है तो उन्हें यह बताना चाहिये कि 1972 की परियोजना आज तक पूर्ण क्यो नही हुआ। उस वक्त टाइगर प्रोजेक्ट की नीति बनी भी नही थी , बिहार और झारखंड एक ही राज्य थे , केंद्र और राज्य में आपके दल का ही शासन हुआ करता था।आपके ही परिवार के नुमाइंदे केंद्र और राज्य की नीतियों को प्रभावित करते थे। आखिर क्या कारण रहा कि इतनी महत्वपूर्ण परियोजना जिससे आज के झारखंड के पलामू , चतरा, बिहार के औरंगाबाद गया , जहानाबाद, अरवल के किसानों का लगभग 11 लाख 15 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होनी है उसके प्रति उदासीनता बरते।

अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस मृत प्राय योजना को 1622. 27 करोड़ की राशि उपलब्ध करा कर इसके रास्ते मे आने वाले तकनीकी बाधा को दूर कर दिया गया तब सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये सतही प्रलाप कर रहे।औरंगाबाद की जनता अब किसी बहकावे में नही आयेगी और जिस सरकार ने सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास को भारतीय जनता पार्टी ने स्थापित किया उसके नुमाइंदे ही एक बार फिर से 2024 में औरंगाबाद का प्रतिनिधित्व करेंगे ।

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