
औरंगाबाद। जिले में सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन हो या निजी कार्यक्रम उनमें अश्लीलता परोसने में कलाकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ते तभी तो इन आयोजनों में कभी हथियार लेकर नर्तकियों के साथ डांस तो कभी जनप्रतिनिधियों के द्वारा नर्तकियों के साथ ठुमके लगाने के वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल होते रह रही है।
कुछ वायरल वीडियो पर कारवाई भी हुई फिर भी ऐसी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही।अभी लोक आस्था का महापर्व संपन्न हुआ है और पूजा समितियों द्वारा रंगा रंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।ऐसे में इन दिनों हसपुरा प्रखंड के जैतपुर पंचायत के महुआड़ गांव में पंचायत के सत्येन्द्र मुखिया जी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है।हालाकि इस वायरल वीडियो की पुष्टि हम नहीं करते।
लेकिन वीडियो में मुखिया जी ही नजर आ रहे है और वह भी अश्लीलता की पराकाष्ठा को पार करते हुए न सिर्फ एक से बढ़कर एक हरकत करते नजर आ रहे है बल्कि अलग अलग मुद्राओं में नृत्य का प्रदर्शन करते हुए बॉलीवुड के कलाकारों को मात भी दे रहे हैं। मुखिया जी एक नहीं,दो नहीं छह-छह बार बालाओं के साथ ग़ज़ब का कमरतोड़ डांस किया है। बिहार सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था के तहत जिनके कंधों पर अश्लीलता जैसी सामाजिक विकृतियों को फैलने से रोकने की जिम्मेवारी सौंपी है।
मगर जब वही इसे बढ़ावा देने लगें तो ऐसे जन प्रतिनिधि को क्या कहा जाएगा यह सोचा जा सकता है।वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि मुखिया जी बार बालाओं के ठुमकों पर फिदा हो गए और नाचने को मजबूर हो गए।इतना ही नहीं मुखिया जी ने ऐसी नृत्य परोसी की लोग दंग रह गए और मस्ती की सारी सीमाएं लांघ गए। ठुमके लगाने के दौरान मुखिया जी कभी राजेश खन्ना तो कभी देवदास बन गए। स्थिति यह हो गई कि उन्हें उड़ाने के लिए पैसे तक दूसरे से उधार लेने पड़ गये। मगर ठुमके लगाने का उनके सिर पर ऐसा सवार हुआ कि लोक लाज को उन्होंने ताक पर रख दिया और लोग यह कहने को मजबूर हो गए कि मुखिया जी ने तो गर्दा-गर्दा कर दिया।