औरंगाबाद

बिहार के पिछड़ेपन का जिम्मेदार कौन, इसको लेकर 5 नवंबर को नगर भवन में होगी विस्तृत चर्चा, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी होंगे शामिल

औरंगाबाद। गैर राजनीतिक मंच विजन बिहार(विभा) ने 5 नवंबर को शहर के नगर भवन में “बिहारी आगे, तो बिहार पीछे क्यों विजन बिहार एजेंडा 2025 विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया है। मंच ने इस विचार गोष्ठी कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के अग्रणी पंक्ति के नेताओं में शुमार राजीव प्रताप रूढ़ी को आमंत्रित किया है।जो बिहार के पिछड़ेपन पर उक्त तिथि को अपने विचारों से लोगों को अवगत कराएंगे।

 

मंच के द्वारा गोष्ठी के माध्यम से बिहार के विभिन्न जिलों में भ्रमण कर लोगों से इस विषय पर विचार आमंत्रित किए जा रहे है ताकि बिहार को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खेल, साहित्य, राजनीति एवं अन्य विधाओं में आगे कैसे बढ़ाया जाए। इसी विषय को लेकर गुरुवार को शहर के महाराजगंज रोड स्थित एक निजी होटल में मंच के द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा एवं विभा के उद्देश्यों को जन जन तक पहुंचाने के लिए एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई।

 

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विभा के संस्थापक सदस्य शंकर झा आजाद ने बताया कि बिहार से कभी देश के स्वर्णिम युग का निर्माता रहा है। आज जातिवादी,क्षेत्रवादी,राजनीति के चक्रव्यूह में उलझ कर इतना पीछे हो चुका है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा एवं प्रचुर श्रमशक्ति के रहते हुए भी पिछड़ेपन के अंधकार में भटकने को विवश हैं। वर्तमान प्रतिपेक्ष्य में विभा का मुख्य उद्देश्य बिहार के पिछड़ेपन के कारणों पर चर्चा करना और कराना है।

 

वही मंच के संस्थापक सदस्य यशवंत सिंह ने कहा कि बिहार की स्थिति वर्ष 1965 के बाद से बदलनी शुरू हो गई।उस एक हम अपने आर्थिक मामलों में देश के दूसरे नंबर पर थे।मगर ऐसी हालत किसके द्वारा उत्पन्न की गई।इसके पीछे के क्या कारण थे आज इसकी चर्चा जरूरी है।ताकि हम नए विचारों के साथ एक समृद्ध और विकसित बिहार बनाने की दिशा में आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के उद्योग धंधे क्यों बंद हुए। किस राजनीतिक षड्यंत्र के तहत खनिज संपदा वाले क्षेत्र को बिहार से अलग किया गया।

 

जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी व बीजेपी नेता गोपाल शरण सिंह ने कहा कि बिहार के युवा पलायन करने को मजबूर है।किसान दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने को भी है।यानी की जिस बिहार के लोगों ने देश के अन्य राज्यों को विकास के मुख्य धारा से जोड़ा।वही राज्य पिछड़ेपन का शिकार है।जरूरत है बिहार को समृद्ध एवं विकसित बनाने के लिए ही विभा का निर्माण किया गया है।जो पूर्णतः गैर राजनीतिक संगठन है और वर्ष 2025 में बिहार के विकास को लेकर किस नीति, उद्देश्य के तहत चुनावी आखाड़ा में उतरेंगे उसकी चर्चा की जाएगी।उन्होंने कहा कि 5 नवंबर को नगर भवन में आयोजित कार्यक्रम के मंच पर सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जा रहा है जो बिहार के पिछड़ेपन के कारणों,इसे दूर करने के अपनी दृष्टि को जनता के बीच रखेंगे।

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