
औरंगाबाद। शाकद्वीपीय ब्राह्मणों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘मगवाणी’ का द्वितीय वार्षिकोत्सव राजस्थान के जोधपुर स्थित आनंद भवन में बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ। इस आयोजन में उक्त संस्था के तत्वावधान में संस्था ‘भास्कर’, दिल्ली द्वारा प्रकाशित ‘मगवाणी स्मारिका’ का लोकार्पण किया गया जिसका संपादन औरंगाबाद जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री सह ‘मगवाणी’ बिहार प्रांत प्रतिनिधि धनंजय जयपुरी ने किया।
स्मारिका का लोकार्पण देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे गणमान्य यथा- विमलेंद्र मोहन मिश्र (अयोध्या), श्रीदेव मिश्र (वाराणसी), ओम प्रकाश मिश्र (दिल्ली), कमलेश पुण्यार्क (गया), शैलेंद्र कौशिक (राजस्थान), सत्यदीप शर्मा (डूंगरगढ़), विमल मिश्र (कोलकाता), विवेकानंद मिश्र (दिल्ली) के कर कमलों से किया गया।
मगवाणी के राष्ट्रीय संयोजक विवेकानंद मिश्र ने कहा कि मगवाणी आज विश्व की एकमात्र नियमित शाकद्वीपीय समाचार प्रसारित करने वाला पटल है, जिसमें देश के सभी राज्यों की शाकद्वीपीय संस्थाएं कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के प्रधान अर्चक डॉक्टर श्रीदेव मिश्र ने ‘ऐक्यं बलं समाजस्य’ से को परिभाषित करते हुए कहा कि जिस समाज में एकता है, वस्तुत: उसी समाज का विकास संभव है।
‘मगवाणी’ अखिल वैश्विक शाकद्वीपीय समाज को समर्पित एक पटल है जिसके माध्यम से हम विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में बसे मगबंधुओं की विभिन्न गतिविधियों से रू-ब-रू होते रहते हैं, यह बात भास्कर (दिल्ली) संस्था के अध्यक्ष श्री प्रणव कुमार मिश्र ने कही। मुख्य अतिथि के रुप में पधारे धनुष भंजन पाठक ने अपने वक्तव्य में कहा कि मगवाणी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों में बसे मगबंधुओं को एक मंच पर लाने का अद्भुत कार्य किया है, जो अत्यंत ही सराहनीय है।
इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।आयोजन में मुख्य रूप से जिन मगविप्रों ने भाग लिया उनमें महेन्द्र शाकद्वीपीय, सिद्धनाथ मिश्र, आचार्य रवीन्द्र कुमार मिश्र, गुप्तेश्वर पाठक, जगनारायण पाठक, श्याम लाल शर्मा, डॉक्टर शैलेंद्र कौशिक, डॉक्टर भारती भोजक, डॉक्टर दिनेश कुमार शर्मा, नंदकिशोर हटीला, डॉक्टर महेश चंद्र शर्मा इत्यादि प्रमुख थे।