
केशव कुमार सिंह
औरंगाबाद। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन एनआईपीएचएम, हैदराबाद, एपीडा, वाराणसी एवं कृषि विज्ञानं केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस में किया गया l जिसका उद्घाटन डॉ चंद्रशेखर, डॉ बिश्वराज, एनआईपीएचएम, हैदराबाद, श्री शुभम कुमार, एपीडा, वाराणसी, श्री रणवीर सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, डॉ नित्यानंद, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस, ने संयुक्त रूप से किया।
डॉ नित्यानंद ने सर्वप्रथम केंद्र में आये हुए अतिथि, एफपीओ के सदस्यों एवं किसानो का स्वागत किया साथ ही आए हुए एफपीओ के सदस्यों एवं किसानों से कहाँ की कृषि उत्पादन तो कर रहे है और समय के साथ इसका उत्पादकता में भी बृद्धि हो रही है लेकिन सही मूल्य उन्हें प्राप्त नहीं हो रहे है जिसके कारन उनके द्वारा उत्पादन का शुद्ध लाभ काम प्राप्त हो रहा है अगर किसान भाई अपने उत्पाद का प्रसंस्कृत करके उसके उत्पाद को अन्य देशो में निर्यात किया जय तो उन्हें अधिक मूल्यों पर विक्रय करके अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
श्री शुभम कुमार ने एपीडा के अंतर्गत निबंधन करने की विधिवत जानकरी देते हुए उसमे लगने वाले आवश्यक कागजातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ चंद्रशेखर ने अपने उत्पादों का निर्यात कैसे करे एवं इसके लिए निबंधन, निबंधन शुल्क, पौध संगरोध के जाँच पक्रिया एवं इनके द्वारा किस उत्पादों को कितने समय में प्रमाणित किया जायेगा तथा इसके निर्यात किये जा रहे उत्पाद के मूल्य आदि की विस्तृत जानकारी दी।
डॉ बिश्वराज ने कृषि उत्पादन करते समय मिटटी का चयन, प्रजातियों के चयन, सिंचाई के लिए उपयोग किये जा रहे पानी का जाँच, अनुशंषित मात्रा में कीटनाशक, फफूंदनाशक आदि दवा का संतुलित मात्रा में प्रयोग, साथ ही दूसरे खेती में इस्तेमाल किये गए कृषि यंत्रो को साफ करके ही दूसरे खेतो में प्रयोग करना आदि विषयो की विस्तृत जानकारी दी।
श्री रणवीर सिंह ने किसानो को कहाँ की सबसे पहले समय को पकड़ने की आवश्यकता है सही समय पर फसलों, सब्जियों की बुआई एवं रोपाई किया जाए तो उन्मे लगने वाले किट एवं ब्याधि भी कम लगता है तथा उनके मूल्य भी अच्छे प्राप्त होते है साथ ही जब सब्जियों के मूल्य कम हो जाए तो उनके प्रसंस्कृत कर उनके उत्पाद बनकरके उन्हें अच्छे मूल्यों पर बेच सकते है।
इस मौके पर औरंगाबाद के विभिन्न किसान उत्पादक संगठन के सदस्यों, उन्नतशील किसान मुकेश मौआर, बृजकिशोर मेहता, अभिषेक, अलोक सिंह, आदि सहित 83 किसानो ने भाग लिया एवं कृषि विज्ञानं केन्द्र, के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।