
औरंगाबाद। जिले के चर्चित साहित्यकार एवं औरंगाबाद के दिनकर के नाम से विख्यात कवि मिथिलेश मधुकर की जयंती गजना धाम में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता अवकाश प्राप्त प्रखंड विकास पदाधिकारी भैरव नाथ पाठक एवं संचालन न्यास समिति के सचिव एवं अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने की ।
मुख्य अतिथि के रुप में गजना धाम न्यास समिति के अध्यक्ष महंत अवध बिहारी दास ने अपने संबोधन के दौरान मधुकर की साहित्य सेवा एवं उनके संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। समकालीन जवाबदेही के प्रधान संपादक डॉ सुरेन्द्र प्रसाद मिश्र ने उनकी सरलता और कुछ करने की हठधर्मिता पर प्रकाश डालते हुए उनकी पुस्तक बोधिसत्व और स्वमेव को साहित्य के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया।
कार्यक्रम के संयोजक लालदेव प्रसाद ने उनके निजी जीवन से जुड़े तथ्यों को सबके सामने रखा ।शिक्षक धर्मेंद्र जी ने उनकी प्रकाशित कविता संग्रह को प्रकाशित कराने पर बल दिया।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भैरवनाथ पाठक ने जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन की स्थापना और मधुकर जी के साहित्य सेवा को याद करते हुए उनसे जुड़े संस्मरणों को सबके सामने रखा।
इस अवसर पर प्रो रामाधार सिंह ,अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ,रामजी सिंह उज्जवल रंजन अशोक सिंह पूर्व मुखिया संजय सिंह , रामप्रवेश सिंह, रामराज मेहता, मुखिया आमोद चंद्रवंशी ,सुरेश विद्यार्थी, भृगु नाथ सिंह, उज्जवल रंजन , अधिवक्ता संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष संजय सिंह आदि ने अपना उद्गार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने ममधुकर जी की छाया चित्र पर पुष्पांजलि करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के एक अन्य सत्र संकल्प सभा में उपस्थित सभी लोगों नें अपने दायित्वों को निभाने एवं सामाजिक गतिविधियों को जारी रखने की बात दोहराई। इस अवसर पर विनोद मालाकार ,नरसिंह पांडे, गजना धाम न्यास समिति के सदस्य अरुण सिंह, अरुण मेहता, कर्मदेव रजवार अरविंद सिंह, विंध्याचल सिंह, शंकर प्रसाद, राजकुमार रजक, दुधेश्वर मेहता, अधिवक्ता जगनारायण सिंह यादव ,टुना सिंह पुर्व मुखिया, धनंजय सिंह, शिवकुमार सिंह,साहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।