औरंगाबाद

तेजस्वी यादव बतायें कि जातीय जनगणना शुरू कराने में 7 महीना देर क्यों हुई

औरंगाबाद। भाजपा जिला प्रवक्ता अश्वनी कुमार तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जातीय जनगणना का फैसला एनडीए सरकार का,महागठबंधन का नहीं तेजस्वी यादव बतायें कि इसे लागू करने में 7 महीने देर क्यों हुई? बिहार विधानमंडल, संसद और पीएम से मिलने वाले प्रतिनिधित्वमंडल तक में भाजपा ने किया जातीय जनगणना का समर्थन किया श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा हमेशा जातीय जनगणना के पक्ष में रही और 2 जून 2022 को बिहार में जातीय जनगणना कराने का कैबिनेट का फैसला भी उस सरकार का था, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री भाजपा के थे।

 

महागठबंधन को इसका श्रेय लूटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा और विधान परिषद में जातीय जनगणना का समर्थन किया। हमारी पार्टी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थी। ये सारी बातें ऑन रिकार्ड हैं।

 

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का फैसला जिस एनडीए सरकार ने किया, उसमें तेजस्वी प्रसाद यादव उस समय डिप्टी सीएम नहीं थे। श्री तिवारी ने कहा कि वर्ष 2011 में जब सामाजिक, आर्थिक और जातीय आधार पर जनगणना कराने पर संसद में चर्चा हुई, तब भी भाजपा ने इस मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना के बाद बिहार तीसरा राज्य है, जहां भाजपा के समर्थन से जातीय जनगणना शुरू हो रही है।

 

श्री तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बतायें कि जब जातीय जनगणना शुरू कराये जाने का फैसला जून 2022 में हुआ था,लेकिन यह काम सात महीने देर से जनवरी 2023 में क्यों शुरू कराया जा रहा है? श्रेय लेने वालों को इसका जवाब देना चाहिए ।उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए गठित विशेष आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजानिक नहीं की गई।

 

क्या सरकार गारंटी देगी कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजानिक की जाएगी ।श्री तिवारी ने कहा कि जातीय जनगणना में लोगों से क्या-क्या सवाल पूछे जाएँगे और गणना की प्रकिया क्या होगी,इसकी जानकारी राजनीतिक दलों प्रदेश से लेकर मंडल तक के कार्यकर्ताओं को देने के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। सभी जिलों में सभी अनुमंडल व सभी प्रखंड सक्षम पदाधिकारी सर्वदलीय बैठक बुलाएं और कार्यकर्ताओं को बताएं कि जातीय जनगणना में लोगों से क्या सवाल पूछना है और किस प्रकार से जनगणना करना है

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