
औरंगाबाद। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक महीने के नौ तारीख को सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है।इस अभियान के तहत बिहार के प्रत्येक अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की चेक अप की जाती है और यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि जच्चा और बच्चा 9 माह के गर्भकाल के दौरान कितने सुरक्षित है।
सदर अस्पताल औरंगाबाद में भी सोमवार को सुरक्षित मातृत्व योजना को एक बृहद आयोजन के तौर पर मनाया गया।जिसका निरीक्षण सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार एवं अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन के द्वारा किया गया।आज के अभियान में आशा के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को सदर अस्पताल लाया गया तथा उनकी विधिवत जांच की गई।
इस दौरान महिलाओं के उच्चतम जोखिम की पहचान की गई एवं प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने की दवाएं दी गई।प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत हुए जांच में लगभग एक सौ से अधिक महिलाओं की बीपी, हिमोग्लोबिन की जांच की गई और उनका वजन लिया गया ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती माताओं को कोई परेशानी न हो।योजना के माध्यम से सदर अस्पताल सौ प्रतिशत सुरक्षित प्रसव के प्रति कृत संकल्पित है।
महिला चिकित्सक ने बताया कि आज की जांच में प्राप्त जोखिम का प्रत्येक महीने के 21 तारीख को उसका फॉलो अप किया जाता है और उसके अनुसार उन्हे लगातार मॉनिटरिंग की जाती है।उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से सदर अस्पताल का एकमात्र लक्ष्य है कि जच्चा और बच्चा हर हाल में सुरक्षित हो।