
औरंगाबाद। जिले में परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है।जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने इस अभियान की सफलता के लिए हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया था।इतना ही नहीं सड़क सुरक्षा के प्रति सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्री विजयंत भी समर्पित दिख रहे है और इससे संबंधित हर एक उस कार्यक्रम में जाकर आयोजकों का न सिर्फ उत्साह बढ़ा रहे है बल्कि लोगों को परिवहन के नियमों से अवगत भी करा रहे हैं।मगर इस अभियान को जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास महज एक औपचारिकता की तरह ही लेकर चल रहे है।क्योंकि उनकी गतिविधि ही वैसी दिख रही है।
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि इस अभियान को लेकर शहर की प्रतिष्ठित संस्था पथ प्रदर्शक ने शनिवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत क्षत्रिय नगर स्थित कार्यालय परिसर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया था और इस आयोजन में पहुंचकर एसडीएम श्री विजयंत ने न सिर्फ आयोजन का उद्घाटन किया बल्कि रक्तदानियों का हौसला बढ़ाया।यही कारण था कि 16 रक्तदानियो ने रक्तदान किया।इतना ही नहीं प्रभारी सीएस डॉ किशोर कुमार,आयुष्मान भारत के डीपीसी बबन भारती ने रक्तदान भी किया।मगर जिसके द्वारा इस अभियान को चलाया जा रहा है वही नदारद पाए गए।
पूछे जाने पर संस्था के सचिव बमेंद कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने डीटीओ साहब को सादर निवेदन कर इस आयोजन में आमंत्रित किया था।मगर उनके इस आयोजन को तरजीह नहीं दी गई। श्री सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने दो मोबाइल नंबर से उन्हें मैसेज भी किया।मगर उसकी कोई रिप्लाई नहीं मिली और फोन करने पर बड़ा बाबू से संपर्क साधने को कहा गया।सवाल यह उठता है कि जब जिला प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक होने की बात कही जाती हो और कोई संगठन जागरूक होकर रक्तदान करा रहा हो तो वह विभाग इसको लेकर उदासीन क्यों हो जाता है।
विभाग को ऐसे संस्थानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान से जुड़े और अपने अपने स्तर से जिलेवासियों को परिवहन के नियमों से अवगत कराएं जिससे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।क्योंकि सरकारी आयोजनों की सफलता तभी मानी जायेगी जब समाज के लोग आगे बढ़कर जिला प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाएं।