औरंगाबाद

साहित्य एवं अध्यात्म पर पकड़ रखने वाले प्रकांड विद्वान डॉ महेंद्र पांडेय के असामयिक निधन पर श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

औरंगाबाद जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में शहर के रामनरेश सिंह संस्कृत महाविद्यालय के सभा भवन में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह तथा संचालन उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने किया।

 

इस सभा में रामायण, भागवत एवं श्रीमद्भगवद्गीता पर समान अधिकार रखने वाले डा महेन्द्र पाण्डेय के असामयिक निधन पर औरंगाबाद के विभिन्न साहित्यकारों, समाजसेवियों एवं उनके करीबियों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह एवं रामाधार सिंह ने कहा कि हमने अपने जीवन में स्व० पाण्डेय जैसा व्यक्ति नहीं देखा जिनमें एक ही साथ विद्वता, बुद्धिमत्ता, सामाजिकता जैसे विविध गुण भरे पड़े हों। पाण्डेय जी के परम मित्र राम भजन सिंह, शिवपूजन सिंह एवं सूरजपत सिंह अपने विचारों को व्यक्त करते हुए फफक पड़े और बोले कि हमने ऐसे मित्र को खोया है जिसकी पूर्ति आजीवन नहीं की जा सकती।

 

विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष उदय गुप्ता, रेड क्रॉस के चेयरमैन सतीश सिंह एवं अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने दिवंगत आत्मा की विभिन्न विशेषताओं की चर्चा करते हुए फफक पड़े। प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने दिवंगत पांडेय को औरंगाबाद के तुलसीदास की संज्ञा दी। अधिवक्ता नागेंद्र सिंह एवं शिक्षक नेता अशोक पांडेय ने कहा कि अभिभावक के निधन से हमने एक ऐसे संस्कृत पंडित को खोया है जिसकी भरपाई होना निकट भविष्य में असंभव जान पड़ता है।

 

श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से जिन्होंने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की उनमें ललन कुमार सिंह, महेश्वर सिंह, अंबिका पांडेय, अनुज बेचैन,पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम पाठक, डॉ हनुमान राम,समाजसेवी नरेंद्र कुमार सिंह, शैलेंद्र मिश्र शैल, मनीष राज पाठक, कुन्दन सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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