
औरंगाबाद।सदर अस्पताल के निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे कृष्ण मुरारी दुबे अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता से परेशान है और अस्पताल में ही जहर खाकर जान देने की बात कर रहे है।इतना ही नहीं उन्होंने अपने जहर खाने के मामले में दो विभागीय अधिकारी को इसका वजह बताते हुए सुसाइड लेटर में उनके नाम की जिक्र करने की बात कहते नजर आ रहे है।
श्री दुबे ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से जहां दवा वितरण के लिए चार लोगों की जरूरत पड़ती है वहां अकेले अपनी सेवा पूरी निष्ठा के साथ दे रहे है।जिसको लेकर वे काफी तनावग्रस्त हो जा रहे है।उन्हे शुगर और बीपी दोनो ही बीमारी है।मगर उनके स्वास्थ्य के प्रति विभागीय अधिकारी पूरी तरह से उदासीन है।कई बार कर्मियों को बढ़ाए जाने की मांग की गई परंतु हर बार ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
विभागीय अधिकारी के व्यवहार से वे परेशान है और यही कारण है कि परेशानी की हालत में वे जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेंगे।उन्होंने बताया कि मिशन 60 और क्वालिटी मिशन को लेकर कई बार राज्य स्वास्थ्य समिति से निदेशक स्तर के पदाधिकारी जांच के लिए आए मगर दवाखाने की जांच के लिए किसी को नहीं लाया गया।
यदि पदाधिकारी जांच के लिए आते तो उन्हे समझ में आता कि अकेले प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोगों को एक कर्मी कैसे दवा का वितरण कर सकता है। उन्होंने बताया कि उनका काम दवा बांटना नही है।लेकिन वे इस काम को कर रहे है।