
औरंगाबाद। मंगलवार को सदर अस्पताल में सड़क हादसे से बुरी तरह घायल होकर आए एक मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति को गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने हायर सेंटर बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया।मगर लगभग दो घंटे से मरीज के परिजन सदर अस्पताल में एंबुलेंस के लिए तड़पते रहे मगर उन्हें एंबुलेंस नहीं मिला।जिसको लेकर परिजनों में काफी आक्रोश था।
सदर अस्पताल में एंबुलेंस के लिए मरीज के परिजनों को तड़पता देखकर जब emaatimes ने इस संबंध में डीएस डॉ सुनील चौधरी से बात की तो उन्होंने अस्पताल के सभी एंबुलेंस के बाहर चले जाने की बात कहकर अपनी असमर्थता जताई और एंबुलेंस के आने के बाद मरीज को हायर सेंटर भेजे जाने की बात कही।
लेकिन विषम परिस्थिति में रोगी कल्याण समिति द्वारा कोई व्यवस्था कर इसे भेजे जाने की बात पर उन्होंने कहा ऐसी कोई जानकारी नहीं।लेकिन इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक से बात करने की बात कही।एडोटल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि निजी एंबुलेंस भेजे जाने का प्रावधान है।लेकिन इसके लिए निजी एंबुलेंस के पास वाहन के सभी कागजात अपडेट होने चाहिए।
Emaatimes ने इस संबंध में एंबुलेंस चालकों से बात की तो किसी के पास पर्याप्त कागजात नहीं होने की बात सामने आई।लेकिन कागजी करवाई में मरीज को परेशानी न हो इसको लेकर emastimes ने शहर के एक युवा समाजसेवी से बात की और पूरी समस्या बताई।युवा समाजसेवी मदद करने को तैयार हुए और उन्होंने तुरंत एंबुलेंस का निर्धारित भाड़ा उपलब्ध कराया और मरीज को पटना पीएमसीएच भेजवाया।
Emaatimes और युवा समाजसेवी की पहल पर मरीज को निजी एंबुलेंस से पटना भेजा गया।एंबुलेंस मिलने पर मरीज के परिजनों ने युवा समाजसेवी एवं मीडिया के प्रति आभार व्यक्त किया और अस्पताल के प्रति काफी नाराजगी व्यक्त की।
गौरतलब है कि घोरहत मोड़ के समीप रोहतास के कदमा गांव से अपनी बहन की शादी ठीक कर मामी चंदा देवी के साथ बाइक से आ रहा युवक ट्रक की चपेट में आ गया था और उसका पैर इस हादसे में बुरी तरह से टूट गया था।जिसे इलाज के बाद रेफर कर दिया गाय था।