औरंगाबाद

स्वामी सहजानंद के बहाने एक बार फिर चिराग के निशाने पर रहे नीतीश

औरंगाबाद। बिहार की राजनीति में अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई धुर विरोधी है तो वह हैं लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई के सांसद चिराग पासवान।इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं की श्री पासवान ने राजनीति में एक अलग स्टैंड रखा और खुद को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से अलग रखा और उनके प्रति किसी भी मंच या किसी भी अवसर पर हमलावर भी रहे।

 

रविवार को ओबरा के गैनी गांव में भी वह नजारा दिखा जब श्री पासवान वहां आयोजित स्वामी सहजानंद के जयंती समारोह को लेकर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की।श्री पासवान ने ने यहां पहली बार देश के बहुचर्चित किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के प्रति अपनी विचारों को रखा। उन्होंने ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती को अपना पुरखा बताया और कहा कि स्वामी जी ने समाज की जो परिकल्पना की थी, वह आज भी अधूरी है। यदि कुछ मिला है, तो वह संघर्षों के बदौलत मिला है। राजनेता पुरखो के सपनो की बात पूरा करने के नाम पर जाति और धर्म की राजनीति करते है। हिंदु-मुस्लिम, कोईरी-कुर्मी आदि के बहाने जातिवाद और धर्मवाद फैलाते है। हमे इनसे दूर और सावधान रहना है। हम जाति और धर्म से पहले बिहारी है।

 

श्री पासवान ने कहा कि हकीकत यही है कि पूरे हिंदुस्तान में दो ही जाति-धर्म है। एक अमीर तो दूसरा गरीब है लेकिन राजनेता गरीब को ठगने का काम कर रहे है। इस वजह से गरीब और गरीब तथा अमीर और अमीर बन रहे है। इसके निदान के लिए हम सबको स्वामी जी के विचारो को आत्मसात करना होगा। उनसे सीख लेनी होगी। उनके विचारों पर चलना होगा। स्वामी जी सोंच थी कि देश के किसानों का सम्मान हो, उन्हे खेती किसानी में कोई परेशानी नही हो लेकिन आज का किसान परेशान है। किसान पहले उन्नत बीज की समस्या झेलते है। बीज मिल गया तो सिंचाई और खाद की समस्या झेलनी पड़ती है। फिर उत्पादन हो गया तो धान को बेचने में समस्या होती है।

 

चिराग ने कहा कि बिहार के किसानों की यही विडंबना है कि वे ऐसे सरकार को झेल रहे है जो बातें किसान की जरूर करता है मगर उस सरकार के एजेंडे में किसान की बेहतरी नहीं।जिस राज्य में किसानों को महंगी बिजली मिल रही हो वहां का किसान खुशहाल कैसे रह सकता है। यही कारण है कि हमारी लड़ाई इस मुद्दे पर एक बार फिर सरकार से है और हम इस मुद्दे को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन पर है। श्री पासवान ने कहा कि खेत में मेहनत मजदूरी करने के बाद किसान के हाथ में न के बराबर आता है जबकि राजनेता किसानों के नाम पर बड़ी बड़ी बाते करते है। इन समस्याओं के निदान के लिए हम सबको एक होना होगा।

 

हम एक होंगे तो ताकतवर होंगे और ताकत के आगे बड़ो बड़ो को झुकना होगा। साथ ही युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के अनुभव के साथ जुड़ना होगा। इसके लिए आप यदि एक कदम चलेंगे तो मैं सौ कदम आपके साथ चलुंगा। मेरा मकसद बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट है। इस मकसद को पूरा करने के लिए जबतक वें बिहार को विकसित राज्य नही बना लेते तब तक चैन से नही बैठेंगे। कार्यक्रम में आयोजक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.(डॉ.) नंदकिशोर प्रसाद शर्मा, एलजेपीआर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार, पार्टी के प्रदेश महासचिव सह मगध प्रमंडल प्रभारी प्रमोद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. प्रकाश चंद्रा एवं जिलाध्यक्ष अनूप ठाकुर आदि ने विचार व्यक्त की।

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