औरंगाबाद

गोह की ज्ञानी अनुपमा ने मैट्रिक बोर्ड में बिहार में पाया दूसरा स्थान, टॉप टेन में आए चार

औरंगाबाद।बिहार विद्यालय समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा परिणाम आज शुक्रवार को 1:15 में घोषित कर दी गई। इस बार परीक्षा समिति द्वारा टॉप टेन में 69 बच्चों ने स्थान पाया है।बिहार टॉप में इस्लामिया हाई स्कूल शेखपुरा के मोहम्मद रुमाल अशरफ ने 489 अंक के साथ बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है।

 

वह परीक्षा परिणाम के अनुसार 486 अंक के साथ निर्मला शिक्षा भवन हाई स्कूल शाहपुर पट्टी भोजपुर की नम्रता एवं औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के प्रोजेक्ट कन्या हाई स्कूल की छात्रा ज्ञानी अनुपमा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है।

 

जबकि हाई स्कूल दल्लू बीघा नालंदा की संजू कुमारी एवं उत्क्रमित मिडिल स्कूल धनवार योग पट्टी पश्चिम चंपारण की भवन कुमारी ने 484 अंक के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

 

टॉप टेन की श्रेणी में औरंगाबाद पटेल हाई स्कूल की स्नेहा कुमारी ने 483 अंक प्राप्त कर चौथा तो पटेल स्कूल के अमन कुमार एवं एस एन एस हाई स्कूल नबीनगर रोड की अंकिता कुमारी ने 476 अंक प्राप्त कर दसवां स्थान पाया है।

ज्ञानी अनुपमा की खबर विस्तार से

औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल की छात्रा ज्ञानी अनुपमा ने 486 अंक लाकर बिहार मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।अनुपमा गोह के ही शैलेंद्र कुमार गुप्ता की पुत्री है।शैलेंद्र दाउदनगर में रोजगार सेवक हैं।वे अपने बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं और उसके सफलता का श्रेय गोह के ही कोचिंग संचालक को दे रहे हैं।

 

वही अपनी सफलता से आह्लादित अनुपमा ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और कोचिंग संस्था के शिक्षकों को दिया है।वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहती है तथा अपने उम्र के छात्र छात्राओं को संदेश देने की कोशिश कर रही है कि सतत प्रयत्न करें सफलता जरूर मिलेगी। अनुपमा ने कहा कि वह महज पांच से छह घंटा ही पढ़ाई करती थी।लेकिन कोचिंग के शिक्षकों के निर्देश को पूरा फॉलो करती थी और आज उनका निर्देश उसकी सफलता का कारण बना।

 

गौरतलब है कि गोह की केबीएम क्लासेज ने पिछले वर्ष बिहार को अपनी संस्था के तीन छात्राओं को टॉपर बनाया और इस वर्ष भी टॉप सेकंड भी उनके ही संस्था की छात्रा आई है।संस्था के संचालक कुंदन कुमार ने बताया कि उनका सपना है कि अपने संस्था के छात्र छात्राओं को हर वर्ष बिहार टॉप की श्रेणी में रखें और अगले वर्ष उसी रणनीति के तहत बच्चों को शिक्षा दी जाएगी कि यहां से टॉपरों की संख्या ज्यादा हो।

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