
औरंगाबाद। जिले के नवोदित साहित्यकार हिमांशु चक्रपाणि आजकल साहित्य जगत में धूम मचाए हुए हैं. इनके द्वारा रचित उर्दू और फारसी की कुछ ग़ज़लें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पुस्तक फ़ख्र-ए- ग़ज़लगोई में स्थान पाई हैं. उक्त पुस्तक में दुनिया के दस देशों- अमेरिका, पाकिस्तान, दुबई, जर्मनी, मेलबर्न, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल एवं हिंदुस्तान के कुछ चुनिंदा ग़ज़लकारों की ग़ज़लें शामिल की गई हैं.
पुस्तक में शामिल सबसे कम उम्र के ग़ज़लकार हिमांशु चक्रपाणि को अंजुमन पासबान-ए-हिंदुस्तान नामक संस्था द्वारा फ़ख़्र-ए-ग़ज़लगोई के ख़िताब से नवाज़ा गया। माननीय नितिन गडकरी (केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार) ने उक्त पुस्तक के संपादक को सम्मान पत्र प्रदान किया है। महज 20 साल का हिमांशु चक्रपाणि अब तक लगभग 50 ग़ज़लों की रचना कर चुके हैं जिनकी रचनाएं बड़े ही आदर के साथ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में स्थान पा रही है.
चक्रपाणि राष्ट्रीय स्तर की पंजीकृत साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ के पूर्व ज़िला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे बतलाते हैं कि यह उपलब्धि उनके पूर्वजों का दिया हुआ उपहार है.अपनी ख़ुशी का इजहार करते हुए चक्रपाणि ने कहा कि साहित्य में इनकी रुचि बचपन से ही थी परंतु मंच नहीं मिलने के कारण अपनी रचनाओं को प्रसारित नहीं कर पाते थे.
इन्होंने बताया कि मैं अपने काव्यगुरु शहर के चर्चित साहित्यकार धनंजय जयपुरी जी का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे छंदों की बारीकियां सिखाईं एवं विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ करने का अवसर प्रदान किया.अभिभावक सुदामा प्रसाद सिंह ने निरंतर मुझे प्रोत्साहित कर प्रगति की राह दिखलाई. हिमांशु चक्रपाणि की इस उपलब्धि पर औरंगाबाद के साहित्य जगत में ख़ुशी का माहौल है।