
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अंतर्गत मनाया गया राष्ट्रीय बालिका दिवस,जिला जज ने शेयर की selfie with daughter की तस्वीर
औरंगाबाद। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित होने वाले श्रृखंलावद्ध कार्यक्रम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत सोमवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। इसके तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने एक प्रेसवार्ता कर भारतीय संविधान में महिलाओं को मिले विशेष कानूनी अधिकारों की जानकारी दी। जिला जज ने बताया कि भारतीय संविधान के अंतर्गत महिलाओं/बालिकाओं को विशेष अधिकार दी गई हैं। अब बालिकायें बालकों अथवा लडकों से कम नही हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने अब बालिकाओं को पैतृक संपति में लडकों के बराबर अधिकार कर दिया हैं। साथ ही हर तरह से उन्हें कोपर्सनरी घोषित किया है। अब हालात ये भी हैं कि कुछ मामलें में बालिकाओं का अधिकार लडकों/ पुरूषों की तुलना में विशेष हैं। उदाहरण के रूप में आपात स्थिति में महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिए गए है। साथ ही अब नौकरियों में भी महिलाओं की बराबर का दर्जा देने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई हैं। अतः अब बालक बालिकाओं में फर्क मिट गया हैं बस थोडी जागरूकता के अभाव के कारण लोंगों में बालक/ बालिकाओ के प्रति गलत अवधारणा बैठी हुई हैं।जिला जज ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सोमवार को जिले के विभिन्न विद्यालयों में प्रतियोगिताऐं आयोजित की जा रही हैं।
इस अवसर पर जिला जज के साथ साथ सभी न्यायिक पदाधिकारियों, पैनल अधिवक्ताओं, कर्मचारियों के द्वारा selfie with daughter की मुहिम चलाई गई और बेटियों के साथ की सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड की गयी।ताकि लोग बेटियों के महत्व को समझे और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक हों। उन्होंनें जिले वासियों से भी यह अपील किया हैं कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित सेल्फी विद डॉटर की मुहिम में सभी शामिल हों।
प्रेसवार्ता के दौरान जिला जज ने जानकारी दी कि आगामी 12 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है जिलेवासी अधिक से अधिक अपने वादों का निस्पादन करायें उन्होंने यह बताया कि 12 फरवरी तक चेक बाउन्स, पारिवारिक मामलें अथवा अन्य सुलहनीय मामलों के निस्पादन हेतु आवेदन/ संपर्क प्राधिकार के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में खुद या अपने अधिवक्ता के माध्यम से कर सकते हैं।