
औरंगाबाद।भले ही सूबे की सरकार ने अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी की घोषणा क्यों न कर दी हो लेकिन उसके प्रभाव से आज भी कई लोग मुक्त नहीं हो सके है।यही कारण है कि वैसे राज्य जहां शराबबंदी नहीं है वहां की सीमाओं से शराब की खेप बिहार में लाए जा रहे है।हालांकि कई खेप पकड़े भी जा रहे हैं लेकिन बिहार पूर्णतः ड्राई स्टेट नही हो पाया है।
शराबबंदी के बाद भी शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र पीने वाले पी ही रहे है और इसे बच्चो ने बड़े ही नजदीक से देखा भी है।यही कारण है कि अब बच्चो ने ही शराबबंदी के खात्मे का बीड़ा उठा लिया है और अपने विद्यालय के चेतना सत्र में इसका उल्लेख कर नशा से अपने परिवार और आस पास के लोगों को बचाने की अपील कर रहे है।
शहर के अनुग्रह मध्य विद्यालय में शुक्रवार को ऐसा नजारा दिखा जहां विद्यालय की प्रधानमंत्री ने गीत के माध्यम से शराबबंदी को सफल बनाने और बच्चों को अपने परिवार के किसी भी सदस्य जो इसके चपेट में आ चुके हैं उन्हें इस लत से विमुख करने की मार्मिक अपील की है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक उदय कुमार सिंह ने बताया कि चेतना सत्र में प्रत्येक दिन अलग अलग विषयों पर जागरूकता संदेश देने की कोशिश की जाती है।जिसके अंतर्गत बाल विवाह, नशा, दहेज प्रथा सहित कई सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के प्रति जानकारी दी जाती है।ताकि बच्चे कुछ सीख सके और समाज को एक नई दिशा दे सकें।उन्होंने कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य है और विद्यालय परिवार की एक कोशिश है कि उनके हृदय में सामाजिक कुरीतियों के दुष्परिणाम की जानकारी देना है ताकि आने वाली पीढ़ी इससे मुक्त रहे।