औरंगाबाद

शहर के युवा तल्हा इमरोज ने अपनी स्पीच से समझाया उर्दू का महत्व, तालियां की गड़गड़ाहट से गूंजा योजना भवन

औरंगाबाद। उर्दू भाषा के उत्थान और इसके प्रसार को लेकर बिहार सरकार के उर्दू निर्देशालय के द्वारा पूरे बिहार में जगह जगह पर आयोजन किए जा रहे है और इस आयोजन में खास तौर पर नई पीढ़ियों को शामिल किया जा रहा है ताकि वे इसके महत्व को समझें और नई पीढ़ियों से धीरे धीरे दूर हो रही उर्दू भाषा को संरक्षित और समृद्ध किया जा सके।

मंगलवार 30 मई को समाहरणालय स्थित योजना भवन में उर्दू निदेशालय द्वारा उर्दू भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्घाटन अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त अभ्येंद्र मोहन सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी श्री विजयंत एवं जिला उर्दू कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी सह उप निर्वाचन पदाधिकारी मो. गजाली द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिकारियों ने उर्दू भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारी द्वितीय राजभाषा के रूप में प्रचलित है और सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों ने लोगो से अपील कि की हमे इस भाषा के विकास के लिए हर संभव प्रयास करने की कोशिश करनी चाहिए। शहर के प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं शायर आफताब राणा ने आयोजन का सफल संचालन किया।

आयोजन में उर्दू ज़ुबान की अहमियत, तालीम की अहमियतएच और उर्दू ग़ज़ल के प्रचलन पर शहर के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं मदरसों के छात्र छात्राओं के भाषण प्रतियोगिता रखा गया था। कार्यक्रम में अपनी प्रतिभागिता प्रस्तुत करते हुए प्रतिभागी तल्हा इमरोज खान ने अपने भाषण के माध्यम से मानव जीवन में उर्दू जुबान की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए उन सभी कारणों का उल्लेख किया जिससे इस भाषा को आगे बढ़ाया जा सके।

तल्हा इमरोज ने शेरो शायरी के माध्यम से आज के युवा अपनी भाषा के प्रति कहां भटकाव की स्थिति में है और इसके प्रसार प्रसार में लोगों के अंदर क्या कमियां हैं इसको प्रमुखता से पटल पर रखा।जिसका स्वागत तालियों की गड़गड़ाहट से किया गया। तल्हा के द्वारा दिए गए स्पीच ने प्रतियोगिता में शिरकत कर रहे जजों का ध्यान आकर्षित किया और प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार अपने नाम कर लिया।

इस आयोजन में सैयद मो दायम, नूर आलम सिदिक्की, वसीम आलम, जेयाउल मुस्तफा खान, अल्ताफ कुरैशी और जिन्ना कुरैशी के साथ अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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