
औरंगाबाद। जिला मुख्यालय औरंगाबाद में सत्येंद्र नगर मोहल्ले में सिन्हा कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रोफ़ेसर डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह के आवास पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं समकालीन जवाबदेही परिवार के संयुक्त तत्वाधान में साहित्य के बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत आम महोत्सव का आयोजन किया गया। इसके पूर्व मार्च माह में होरहा महोत्सव का भी आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने तथा संचालन मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में समकालीन जवाबदेही परिवार के प्रधान संपादक डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद मिश्र, सिन्हा कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ शिवपूजन सिंह एवं डॉ रामाधार सिंह की गरिमामई उपस्थिति रही। सर्वप्रथम उपस्थित लोगों के बीच वृक्ष में पके हुए आम के फलों को लोगों के बीच परोसा गया उन्होंने आम का रसास्वादन किया। तत्पश्चात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित युवा समीक्षक डॉ कुमार वीरेंद्र ने आम के बारे में चर्चा की की।
यह फल अपने विशिष्ट गुणों के कारण जाना जाता है गर्मी के मौसम में इसके सेवन से गर्मी में होने वाले समस्याओं से निजात मिलती है। विटामिन एवं पौष्टिक तत्वों से युक्त आम सर्व सुलभ है ।कश्मीर से कन्याकुमारी तक इसकी उपलब्धता है। साहित्य में आम को अलौकिक प्रेम का प्रतीक बताया गया है। यह हमारी लोक संस्कृति का हिस्सा है इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है।
अवकाश प्राप्त दरोगा मुरलीधर पांडेय सिंहेश सिंह,इंजीनियर अर्जुन सिंह लेखक लवकुश प्रसाद सिंह शिक्षक राम सुरेश सिंह माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता राम भजन सिंह अलख देव सिंह, शिवभक्त पुरुषोत्तम पाठक नारायण मिश्रा सहित अन्य लोगों ने भी इसकी प्राचीनता के बारे में चर्चा की।
रामायण काल में भी बालकांड में जब भगवान श्री राम अपने चारों भाइयों के साथ बाग में आम तोड़ने जाते हैं ऐसा वर्णन मिलता है। आम से बने उत्पाद वर्षों तक कायम रहते हैं। अगला अदरा महोत्सव भूगोल विभाग के प्रोफेसर साहब के यहां मनाए जाने की संभावना है।