
औरंगाबाद। मंगलवार को एक तरफ सारा देश स्वतंत्र भारत का 77 वां वर्षगांठ तिरंगे को फहराकर पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहा था वही दूसरी ओर ओबरा प्रखंड मुख्यालय के पंडित मुहल्ले में उसी तिरंगे में लिपटी बीएसएफ के एक जवान का शव मातमी धुन के साथ उसके घर पहुंच रहा था।यहां भी शहीद के दीदार के लिए हजारों की संख्या में लोग अपनी नाम आंखों से भारत माता की जय के साथ उसका स्वागत कर रहे थे।
यह शव राजस्थान के जैसलमेर के भारत पाक बॉर्डर पर बस पलटने से मौत की आगोश में समा गए शहीद जवान संजय कुमार दुबे का था। शव के पहुंचते ही परिजनों के चीत्कार से पूरा आकाश गूंज रहा था और रुंधे हुए गले से लोग शहीद की याद में गगनभेदी नारे लगा रहे थे। बीएसएफ के जवानों ने मिलिट्री नियम के साथ अपने संगीन से उन्हे अंतिम सलामी दे रहे थे और हाहाकार मच घर के सदस्यों का ढाढस बंधा रहे थे।
शहीद जवान के शव को तिरंगे में लिपटाकर हजारों की संख्या में मौजूद मुहाल्लेवासियो शव यात्रा निकाली। इस शव यात्रा में शहीद संजय अमर रहे के नारे लगे तथा भारत माता की जयकारे से पूरा ओबरा गुंजायमान हो गया।जवान के 14 वर्षीय बेटे देव कुमार ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सबों की आंखें नम हो गई।
गौरतलब है कि 12 अगस्त को राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाक सीमा पर सेना की बस पलट गई थी। बस पलटने से पांच जवान जख्मी हुए थे। जिसमें उक्त बस में ओबरा पंडित मुहल्ला निवासी बीएसएफ जवान संजय कुमार दुबे भी थे। घटना के बाद सभी जख्मी जवानों को आनन-फानन में इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।