औरंगाबाद

बरसात ने विद्यालय की खोल दी पोल,पानी और कीचड़ में स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

औरंगाबाद।एक तरफ बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरित मानस पर दिए गए बयानों को लेकर और विभाग के प्रधान सचिव विद्यालय की व्यवस्था को सुधारने और शिक्षकों पर कड़ाई किए जाने को लेकर चर्चे में हैं।मगर प्रदेश के विद्यालयों की क्या स्थिति है उसको देखना इनके दिनचर्या में शामिल नहीं है। उनके द्वारा की जा रही कारवाई से विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति तो जरूर हुई है।लेकिन संसाधनहीन व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और असुरक्षित विद्यालय कैंपस उनके कार्यों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं।

बिहार में बारिश न के बराबर हुई है लेकिन इधर दो दिनों से हो रही बारिश एक एक कर विद्यालय की कलई खोल रही है। भले ही इस बारिश से किसान खुश हो रहे हों।मगर औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के हाजीपुर गांव स्थित कन्या उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय के बच्चे एवं बच्चियां इस बारिश से परेशान हैं। क्योंकि गांव स्थित विद्यालय परिसर में जल जमाव की स्थिति हो गई है।जिससे उन्हें विद्यालय आने और विद्यालय से छुट्टी के बाद घर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।बच्चियां बताती हैं कि विद्यालय की स्थिति देखकर घर से आने की इच्छा नहीं होती।क्योंकि पूरे पैर में मिट्टी लग जाती है और परिसर के जलजमाव से विषैले सांप एवं अन्य बरसाती कीटाणुओं के काटने का डर बना रहता है।

बच्चियों ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी शौचालय जाने और पानी पीने के दौरान होती है। क्योंकि परिसर के गंदे पानी में बार बार जाना पड़ता है और पुनः कक्षा में उसी गंदगी वाली बारिश से सने पैर के साथ बैठना पड़ता है।उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन के दौरान भी ऐसे ही समस्या का सामना करना पड़ता है।बच्चियों ने बताया कि कही कही बारिश के पानी सूख जाने के बाद मिटी की कीचड़ से और भी अधिक परेशानी झेलना पड़ रहा है।इधर पूछे जाने पर शिक्षकों ने बताया कि जल जमाव से निजात के लिए उपाय किए जा रहे है।

गौरतलब है बिहार के उप मुख्यमंत्री की दवाई, सुनवाई, करवाई और पढ़ाई वाली सरकार इन दिनों सता में में है और खुद शिक्षा विभाग राजद के जिम्मे है।लेकिन अब देखना यह लाजिमी होगा कि सरकार के अधिकारी पढ़ाई तथा कारवाई को लेकर आगे क्या करते है कि विद्यालय के बच्चे तनाव मुक्त होकर शिक्षा ग्रहण कर सकें।

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