
औरंगाबाद। भले ही के के पाठक जी शिक्षा विभाग को सुधारने का प्रयास क्यों न कर लें लेकिन कुछ शिक्षकों ने जैसे न सुधरने की कसम ही खा ली है और उनके करतूत से यह विभाग शर्मशार हो रहा है।जिले में सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है।जिसमें शिक्षकों ने अपनी गरिमा को तार तार कर बच्चों के सामने ही गुत्थम गुत्थी करने लगे। शिक्षकों के भिडंत को देखकर बच्चे भी अपने अपने बेंच को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर खड़े हो गए ताकि वे उनके द्वारा किए जा रहे पटका पटकी के शिकार न हो जाए।शिक्षकों के आपस में गुत्थम गुत्थी का विडियो नबीनगर प्रखंड के बड़ेम ओपी के कंकेर संकुल के बारा तेतरिया स्कूल का है।
वायरल विडियो में दो शिक्षक के साथ और शिक्षक दिखाई दे रहे हैं जिसने एक की पहचान उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा तेतरिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक सतीश मिश्रा तथा दूसरे शिक्षक की पहचान उसी विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह हैं।इस संदर्भ में सतीश कुमार मिश्रा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर धर्मेंद्र कुमार सिंह पर अनुशासनहीनता बरतने से संबंधित शिकायत दर्ज कराते हुए कारवाई की मांग की है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखे आवेदन में प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह की अमर्यादित आचरण एवं व्यवहार से विद्यालय का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक माहौल बिगड़ रहा है।उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को अर्धवार्षिक मूल्यांकन 2023 के संचालन के क्रम में अनधिकृत रूप से उनके द्वारा एक छात्रा का प्रश्न पत्र मूल्यांकन पत्र छीन लिया गया। विक्षक के द्वारा कहने पर जब बतौर प्रभारी प्रधानाध्यापक के नाते उनसे मूल्यांकन पत्र लौटने का आग्रह किया गया तो उनके द्वारा मेरे साथ गाली गलौज कॉलर पकड़ कर मारपीट और हाथापाई की गई। साथ ही मुझे देख लेने की भी धमकी दी गई।
उन्होंने बताया कि चुकी श्री कुमार स्थानीय हैं, इसलिए अक्सर इस तरह का आचरण करते रहते हैं। उक्त घटना वर्ग कक्ष में ही बच्चों के सामने घटित हुई। इसके अलावे प्रभारी प्रधानाध्यापक ने श्री कुमार पर विद्यालय में निर्धारित समय सारणी का पालन नहीं करने, विद्यालय में अधिकांश में वर्ग 8 में ही रहने, विद्यालय बंद होने के बाद भी वर्ग 8 के बच्चों को विद्यालय में रोक कर रखने, अनाधिकृत रूप से वर्ग शिक्षक के रहने पर भी किसी भी वर्ग में बच्चों की उपस्थिति लेने, बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक दंड देने, महिला शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने, विद्यालय के निर्धारित समय सारणी से पहले ही बच्चों की उपस्थिति ले लेने,विद्यालय आए हुए बच्चों को भी अनुपस्थित कर देने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह भी जानकारी दी है कि पूर्व में इनके द्वारा एक महिला शिक्षिका से नक्सली के नाम पर लेवी भी ली गई थी और शिक्षिका की शिकायत पर आरोप सही पाए जाने पर जेल की हवा खानी पड़ी थी।इधर इस संबंध में समय देने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं मिले। मालूम चला कि जरूरी काम से निकल गए है। ऐसी स्थिति में जब वहां मौजूद डीपीओ दयाशंकर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ भी पूछ लीजिए, लेकिन ऐसे मामलो में बोलने के दौरान कुछ और बातें गर निकल गई तो नौकरी जाने की नौबत आ जाएगी।
इधर इस संबंध में शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह से संपर्क नही हिंसक और उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।पक्ष मिलने के बाद उनकी बातें भी रखी जायेगी कि आखिर उनके ऊपर ऐसे आरोप क्यों लगाए गए।लेकिन किसी भी विद्यालय में बच्चों के सामने हुई यह गतिविधि कही से क्षम्य नहीं है।अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इसे किस रूप में लेता है और क्या कारवाई की जायेगी।