औरंगाबादधर्म

औरंगाबाद शहर में दो जगह केदारनाथ पंडाल में होगा मां का दर्शन

औरंगाबाद में नवरात्र की धूम है। नवरात्र के दूसरे दिन जहां मां की आराधना अनवरत चल रही है वहीं पूजा समितियां के द्वारा भी पंडाल निर्माण के कार्य में तेजी लाई गई है। इस वर्ष शहर की दो पूजा समितियां द्वारा अपने पंडाल का स्वरूप केदारनाथ मंदिर का दिया गया है।जिला मुख्यालय में ऐसा पहली बार हुआ जब दो पूजा समितियां के विचार एक तरह के पंडाल निर्माण के लिए आए।

पहली पूजा समिति न्यू एरिया की मां भारती क्लब है जो वर्ष 1992 से दुर्गा पूजा करती आ रही है। क्लब के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि मां भारती क्लब की स्थापना 1982 में हुई थी। लेकिन उस वक्त क्लब के द्वारा सिर्फ सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता था और शहर के सजावट के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन किए जाते थे। परंतु वर्ष 1990 तक पूजा हुई और संस्था के सदस्य भी बड़े हो गए। तो दुर्गा पूजा करने का विचार हुआ। क्योंकि शहर के नवाडीह मोड़ से लेकर रमेश चौक तक कहीं भी दुर्गा पूजा आयोजित नहीं किए जाते थे। ऐसे में वर्ष 1992 में क्लब के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कमेटी दुर्गा पूजा का आयोजन करेगी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में पहली बार मां दुर्गा पूजा की शुरुआत की गई और पहली बार ही आकर्षक पंडाल, भव्य सजा सज्जा एवं अनुशासन को लेकर तत्कालीन डीएम दीपक प्रसाद के द्वारा इस क्लब को प्रथम पुरस्कार दिया गया। उसके बाद से लगातार संस्था प्रथम और द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करती रही। उन्होंने बताया कि हमेशा संस्था के द्वारा कुछ हटकर प्रस्तुत करने की कोशिश की जाती है। पंडाल तथा मूर्ति निर्माण का कार्य डेहरी ऑन सोन के कारीगरों के द्वारा किया जाता है। इस वर्ष भी वही के कारीगरों के द्वारा केदारनाथ मंदिर का स्वरूप दिया जा रहा है। श्री सिंह ने बताया कि अंदर स्टेज पर बाढ़ की विभीषिका दिखाई जाएगी और बाढ़ की विभीषिका के बीच ही मां की प्रतिमा स्थापित होगी। अष्टमी, नवमी के दिन विधि व्यवस्था के लिए पर्याप्त मात्रा में वॉलिंटियर मौजूद रहेंगे। ताकि किसी भी तरह से श्रद्धालुओं को मां के दर्शन में कोई परेशानी ना हो।

वहीं दूसरी पूजा कमिटी गांधीनगर की मां दुर्गा क्लब है जहां क्लब के कार्यकर्ताओं ने भी इस वर्ष केदारनाथ मंदिर बनाने का निर्णय लिया है और उसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। क्लब के अध्यक्ष अभिषेक कुमार सिंह उर्फ चुलबुल सिंह ने बताया कि कोलकाता के कारीगर जो डेहरी ऑन सोन आकर मूर्ति का निर्माण करते हैं, उनके द्वारा मां की मूर्ति बनवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अदरी नदी के आगे बाजार में वर्षों से दुर्गा पूजा हुआ करती थी। लेकिन वार्ड 31,32 और 33 में कहीं भी पूजा नहीं होती थी। ऐसे में वर्ष 2011 में पूजा करने के उद्देश्य को लेकर कमिटी बनाई गई और अदरी नदी से फार्म के बीच उत्तर कोयल नहर कार्यालय के मुख्य द्वार के समीप प्रतिमा स्थापित की गई जो आज तक जारी है।

अध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष पंडाल का स्वरूप वैष्णो देवी का था और इस वर्ष केदारनाथ बनाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि इस पूजा में उपाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद प्रतिनिधि धर्मेंद्र यादव, सचिव छोटेलाल सिंह, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, पूजा व्यवस्थापक रवि यादव, विजय गुप्ता, प्रकाश यादव, नीरज, सोनू ठाकुर, कुलवंत सिंह, डॉक्टर विजय गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है। जो लगातार पूजा व्यवस्था के संचालन में लगे रहते हैं और श्रद्धालुओं को कहीं कोई परेशानी ना हो इसका विशेष ख्याल रखते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इसे भी पढ़ें

Back to top button

You cannot copy content of this page