
औरंगाबाद। बिहार की नीतीश सरकार ने शिक्षकों को फरमान जारी किया है और साथ ही बताया है कि अब शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ शराब तस्करी की सूचना भी देने का कार्य करेगें। यह फरमान नहीं बाकायदा आदेश जारी हुआ है जिससे शिक्षक हैरान व परेशान हैं। इसी सिलसिले में रविवार को औरंगाबाद जिला मुख्यालय स्थित ज़िला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के सामने सरकार द्वारा जारी फरमान की प्रतियां जला कर शिक्षकों ने विरोध जताया है।
इस दौरान बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला प्रवक्ता अशोक पांडेय ने बताया कि यह सरकार की मानमानी है। सरकार हमारी हत्या करने की साज़िश रच रही है। ऐसे में हम बच्चों को शिक्षा प्रदान करें या फिर हथियार लेकर खुद की सुरक्षा करें। कहा कि पूर्व से जो शिक्षकों के प्रति भारतीय संस्कृति में सम्मान था जिसे नितिश सरकार द्वारा बर्बाद करने का कार्य किया जा रहा है।
ऐसे में आज गुरु द्रोण एवं वशिष्ट की आत्मा भी कहीं न कही कुंठित होगी। शिक्षकों का कार्य है, शिक्षा प्रदान करना न की शराब माफियाओं की रेकी करना। यह बेहद ही शर्मनाक निर्णय है। इस फरमान से कही न कही स्पष्ट हैं कि सरकार की सूचना तंत्र पुरी तरह से फेल है। कहा कि यह कार्य शिक्षक किसी भी परिस्थिति में करने को तैयार नहीं है। इनका शराब मुक्त वाली बातें हवा-हवाई साबित हो रही है। आज इनकी पुलिस-पशासन क्या कर रही है।