
औरंगाबाद। भारतीय जनता पार्टी के नेता आलोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी कर बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण देव में एक बिजली मिस्त्री की जान चली गयी। देव में कार्तिक छठ महापर्व को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है । इस दौरान देव के आनंदीबाग में ट्रांसफार्मर के पास 11 KVA के तार के चपेट में देव के विश्रामपुर निवासी दीपक पासवान जो मानव बल के रूप में कार्यरत था करेंट लगने से मृत्यु हो गयी।
आखिर बिजली विभाग देव कार्तिक छठ मेला जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर गम्भीर क्यो नही है ? सहायक विधुत अभियंता घटना के वक्त कहाँ थे ? मेरी जानकारी के अनुसार 11 KVA का सर्टडाउन सहायक विधुत अभियंता को ही मिलता है , फिर दीपक पासवान जो मानव बल के रूप में कार्यरत था किस परिस्थिति में और क्यो हैंडट्रिप दिया गया ? जब ट्रांसफार्मर पर कार्य हो रहा था तब कनीय विधुत अभियंता कहाँ थे ?
ट्रांसफार्मर जैसे महंगे उपकरण की मरम्मति और उक्त स्थल पर कार्य के लिये प्रामाणिक स्थायी मिस्त्री जो विजली विभाग में कार्यरत थे उन्हें क्यो नही लगाया गया ? घटना के वक्त पावर सब स्टेशन का ब्रेकर काम क्यो नही किया ? यदि ब्रेकर स्विच खराब है तो उसे समय रहते ठीक क्यो नही कराया गया ? देव जैसे पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल को विभागीय अधिकारी लूट खसोट का अरण्यगाह बना दिया है ।
बिजली आपूर्ति निर्वाध ढंग से हो इसकी मूलभूत तैयारी भी सब स्टेशन के विभागीय अधिकारी सहायक विधुत अभियंता और कनीय विधुत अभियंता की संवेदनहीनता से पूर्ण नही हो पाता। कल की घटना पूरी तरह से देव सब स्टेशन संचालन के जवाबदेह सहायक विधुत अभियंता , कनीय विधुत अभियंता की लापरवाही और निष्क्रियता से घटी है।
अस्थायी मानव बल दीपक पासवान की करेंट के झटके से हुयी मौत का पूरा जवाबदेही सहायक विधुत अभियंता देव, कनीय विधुत अभियंता देव की है, इस दृष्टि से इनके ऊपर हत्या का मामला बनता है । साथ ही राज्य सरकार एवं बिजली विभाग से यह मांग करते है कि दीपक पासवान को तत्काल 10 लाख रुपया मुआवजा और आश्रित को स्थायी नौकरी दिया जाये ।