
औरंगाबाद। कुटुंबा प्रखंड के कसौटी गांव स्थित तालाब के हक हकीकत के लिए पास के गांव भरत से विवाद चल रहा है। विदित हो कि यह विवाद मारपीट गोलीबारी पथराव इत्यादि में तब्दील होकर कांड संख्या 50/ 2020 कांड संख्या 51/ 2020 में अंबा थाना में दर्ज है। इतनी बड़ी विवाद होने के बाद अभी तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। राजनीतिक संरक्षण एवं प्रशासनिक तालमेल के वजह से यह गिरफ्तारी नहीं की जा रही है,ग्रामीणों ने यह कहते हुए उच्च पदाधिकारियों से गिरफ्तार करने की अपील की है।
काशीनाथ पांडे ने तालाब को अपना हक बताते हुए मुकदमा किया दर्ज
अब इस केस में एक नया मोड़ आ गया है। अभी तक ग्रामीण बिहार सरकार की जमीन जो कि गैरमजरूआ तालाब और तालाब सेंड की है उस पर से कई वर्षों से जलते आ रहे श्मशान घाट की मांग कर रहे थे। यह मामला अभी न्यायालय में चल ही रहा था तभी ग्रामीणों ने अपने हक हकीकत के लिए कोर्ट में नई टाइटल लगा दी।
कसौटी गांव के तरफ से ग्रामीण श्री काशीनाथ पांडे ने तालाब एवं तालाब के पिंड को अपने पूर्वजों का बताते हुए समस्त दस्तावेजों के साथ न्यायालय में में अपने हक के लिए 12 अक्टूबर 2021 को ही न्याय शुल्क लगभग 1.5 का वैल्यू देकर मुकदमा दर्ज किया तथा जिला एवम प्रखंड के सभी पदाधिकारियों को 3 बार नोटिस जारी किया गया परंतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
श्री काशी नाथ पांडे ने दावा करते हुए बताया है कि यह जमीन हमारे बाबा श्री रामेश्वर पांडे के नाम से है जो कि बीच में सर्वे में हुई गड़बड़ी के कारण बिहार सरकार ने गैरमजरूआ घोषित कर दिया था। इन दस्तावेजों के आधार पर जांच के लिए जिला पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी अंचल पदाधिकारी को कोर्ट ने नोटिस भेज दिया है। अगर सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो यह तालाब और पिंड कसौटी के ग्रामीण श्री काशीनाथ पांडे के नाम से कर दिया जाएगा।