
तमिलनाडु में मत परिवर्तन के कारण 12वीं की छात्रा लावण्या की आत्महत्या के मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री सहित अन्य कई कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से न्याय की मांग कर रहे तमिलनाडु पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के विरोध में अभाविप औरंगाबाद के द्वारा किया गया आक्रोश मार्च।
बहन लावण्या को न्याय दिलाने तक अभाविप का सड़क से सदन तक संघर्ष जारी रहेगा।
औरंगाबाद। तमिलनाडु के तंजावुर जिले के सेक्रेड हाई स्कूल में मतांतरण के दबाव के कारण आत्महत्या को मजबूर होने वाली छात्रा लावण्या को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री स्टालिन के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से पुलिस ने बर्बरता पूर्ण व्यवहार करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी राष्ट्रीय मंत्री श्री मुथुरामलिंगम दक्षिण तमिलनाडु प्रांत मंत्री सुशीला सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
बहन लावण्या को न्याय दिलाने एवं सरकार के इशारे पर इस प्रकार के कायरतापूर्ण तरीके से हुए इस गिरफ्तारी के विरुद्ध अभाविप औरंगाबाद द्वारा कुंडा हॉउस से नारेबाजी करते हुए रमेश चौक तक आक्रोश मार्च निकाला गया। इस आक्रोश मार्च में कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे ‘लावण्या हम शर्मिंदा है, तेरे कातिल जिंदा है’। लावण्या के इंसाफ तक अभाविप की जंग रहेगी जारी। तमिलनाडु सरकार मुर्दाबाद। इस आक्रोश मार्च के माध्यम से तमिलनाडु सरकार का पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया एवं जल्द से जल्द लावण्या के न्याय एवं सभी की रिहाई की मांग गई। आक्रोश मार्च व पुतला दहन के उपरांत यह प्रर्दशन एक सभा में तब्दील हो गया।
इस सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आशिका सिंह ने कहा कि लावण्या आत्महत्या मामले में राज्य सरकार की असंवेदनशीलता इस बात से प्रदर्शित होती है कि सरकार मद्रास उच्च न्यायालय की सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी लगाने पहुंच गई थी। परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को मान्य रखते हुए, मामला सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया, जिससे लावण्या को न्याय मिले यह मांग हेतु संघर्षरत युवाओं को अब न्याय की आस जगी है।
इस मौके पर छात्रा कार्यकर्ता अमीषा ने कहा कि तमिलनाडु सरकार तथा प्रशासन ने लावण्या की आत्महत्या के मामले को दबाने के लिए सारे हथकंडे अपना रहे हैं परंतु अभाविप के कार्यकर्ता लावण्या को न्याय मिलने तक संघर्षरत रहने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी गलती ओर मिशनरियों के दुष्कर्म को छिपाने के लिए सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने से नहीं चूक रही है। हम लावण्या को न्याय मिलने तक लड़ते रहेंगे।
वहीं शालू ने के कहा कि तमिलनाडु सरकार ने बर्बरता की हदों को पार कर दिया है। सरकार लावण्या कि आवाज को दबाने का हर संभव प्रयास कर रही है परंतु अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लावण्या की लड़ाई को लड़ने के लिए प्रतिबंध है। हम मतांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने के लिए भी सरकार से आग्रह करेगें ताकि पुन: किसी भी विद्यार्थी या छात्र समुदाय को ऐसे वीभत्स और दुर्दांत कृत्य का सामना न करना पड़ेगा।
इस मौके पर सोनाली सिंह खुशी कुमारी रिया विभाग संगठन मंत्री पशुपतिनाथ उपमन्यु जी प्रदेश एसएफडी प्रमुख पुष्कर अग्रवाल जी नगर मंत्री कुणाल सिंह प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अभय कुमार ऋषि राज अंकित नीकु सोनू सुजीत पवन अभिषेक पाठक कुणाल सम्राट एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।