
औरंगाबाद। शहर के राजेन्द्र बाल उद्यान में शुक्रवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई।शहर की समस्त सामाजिक संस्थान के सदस्य, वरीय नागरिक, चित्रांश समाज से जुड़े लोग एवं प्रबुद्ध शाहरवासियों ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर डॉ राजेन्द्र प्रसाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।वक्ताओं ने कहा कि राजेंद्र बाबू सादगी पसंद, दयालु एवं निर्मल स्वभाव के व्यक्ति थे।
वे उन भारतीय नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महात्मा गांधी ने उन्हें अपने सहयोगी के रूप में चुना था और साबरमती आश्रम की तर्ज पर सदाकत आश्रम की एक नई प्रयोगशाला का दायित्व भी सौंपा था। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद चाहे धर्म हो, वेदांत हो, साहित्य हो या संस्कृति, शिक्षा हो या इतिहास, राजनीति, भाषा, वे हर स्तर पर अपने विचार व्यक्त करते थे। उनकी स्वाभाविक सरलता के कारण वे अपने ज्ञान-वैभव का प्रभाव कभी प्रतिष्ठित नहीं करते थे। ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के अपने सिद्धांत को अपनाने वाले डॉ. राजेंद्र प्रसाद अपनी वाणी में हमेशा ही अमृत बनाए रखते थे।
आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत को गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिलने के साथ ही राजेंद्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बने। वर्ष 1957 में वे दोबारा राष्ट्रपति चुने गए। इस तरह वे भारत के एकमात्र राष्ट्रपति थे, जिन्होंने लगातार दो बार राष्ट्रपति पद प्राप्त किया था। उन्हें सन् 1962 में अपने राजनैतिक और सामाजिक योगदान के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा गया। बाद में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया और अपना शेष जीवन पटना के निकट एक आश्रम में बिताया, जहां 28 फरवरी, 1963 को बीमारी के कारण उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।
इस मौके पर नगर परिषद के मुख्य पार्षद उदय गुप्ता,अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अजय कुमार संतोषी, सरोज रंजन,धीरज अजनबी, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर,अजय वर्मा,दीपक बलजोरी, रोटरी क्लब के अजितचंद्रा,वार्ड पार्षद धर्मेंद्र शर्मा,युसूफ आजाद अंसारी,आस्था सेवा समिति के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र गुप्ता, बिनोद कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से केक काटकर जयंती समारोह को सेलिब्रेट किया और उपस्थित लोगों का मुंह मीठा कराया।
इस मौके पर चित्रांश समाज के वक्ताओं ने पार्क में राजेंद्र बाबू की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की और इस मांग का समर्थन करते हुए मुख्य पार्षद उदय गुप्ता एवं वार्ड पार्षद ने अपने संबोधन में कहा कि राजेन्द्र बाबू ने राजनीति में एक मिशाल स्थापित की और जाति से ऊपर उठकर जमात को महत्व दिया।ऐसे में जिला मुख्यालय के इस पार्क में उनकी प्रतिमा जन सहयोग के माध्यम से प्रतिमा स्थापित की जाएगी।