
तू जिंदा है तो जिंदगी के जीत में यकीन कर,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।।
औरंगाबाद। अंग्रेजों को अपने शौर्य, पराक्रम एवं जीत की दृढ़ इच्छाशक्ति से लोहे के चने चबाने को मजबूर करने वाले बाबू वीर कुंवर सिंह की 164 वी जयंती पर वीरता की गाथा संगीतमय ध्वनियों एवं जोशीले आवाज के साथ रफीगंज की फिजाओं में जब स्वर लहरियां गुजंमान हुई तो पूरा माहौल जोश एवं देशभक्ति की भावना से भर उठा। पूरे परिसर में देशभक्ति और कुछ कर गुजरने की भावनाएं हिलोरें लेने लगी।
यह अवसर बना कन्या मध्य विद्यालय रफीगंज के प्रांगण में जब देशभक्त बाबू कुंवर सिंह की जयंती के अवसर पर वर्ग आठ की बच्चियों ने गजब का शमां बांध दिया। आज फिर एक बार पूरे जोश खरोश के साथ कन्या मध्य विद्यालय रफीगंज में बाबू बीर कुंअर सिंह की जयंती समारोह आयोजित किया गया जिसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र किशोर जारूहार सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रधानाध्यापक ने बच्चों एवं समारोह में उपस्थित सभी को सम्बोधित करते हुए महान स्वतंत्रता सेनानी कुंअर सिंह के शौर्य गाथा एवं उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। कुंअर सिंह की हिम्मत, स्वाभिमान, एवं जूनून एवं देशभक्ति आज के युग के लिए कितना प्रासंगिक है उसपर प्रकाश डाला। जयंती समारोह में उनकी बलिदान पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर कन्या मध्य विद्यालय रफीगंज की छात्राओं ने भाषण, कविता पाठ एवं देशभक्ति गीत गाकर पूरे वातावरण में जोश भरने का काम किया।