
औरंगाबाद। नबीनगर विधानसभा की राजनीति तथा बिहार के साहित्यिक जगत में धूमकेतु की तरह उभरे एक कद्दावर राजनीतिज्ञ, प्रखर साहित्यविद एवं जीवट व्यक्तित्व के धनी पूर्व विधायक महावीर अकेला का 88 वर्ष की उम्र मे बुधवार की शाम 3 बजे उनके महाराजगंज रोड स्थित आवास पर निधन हो गया। स्वर्गीय अकेला पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे।
स्व अकेला के निधन की खबर से पूरे जिले के राजनीतिक एवं साहित्यिक महकमे में में शोक की लहर दौड़ गई और मातमकुर्सी को लेकर लोग उनके आवास पर उमड़ पड़े। स्वर्गीय अकेला के निधन पर पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह, नबीनगर के विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पांडे, विनय शर्मा, पुरुषोत्तम सिंह, पूर्व जिला उपाध्यक्ष भोला सिंह, राज कुमार सिंह, युवा भाजपा नेता कुमार सौरभ सिंह, अनिल गुप्ता, युवा कांग्रेस नेता चुलबुल सिंह, धनंजय सिंह ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन राजनीतिक एवं साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।
गौरतलब है कि स्वर्गीय अकेला ने वर्ष 1969 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से नबीनगर विधानसभा में चुनाव लड़ा और अप्रत्याशित जीत हासिल की थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजनीतिक में कई मिथकों को थोड़ा। राजनीति के साथ-साथ साहित्यिक रुचि रखने के कारण इन्होंने गूंज, सिंदूरदान सहित दर्जनों पुस्तकें लिखी। लेकिन वर्ष 1980 में आई उनकी पुस्तक ‘बोया पेड़ बबूल का’ जैसे ही फलक पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, वैसे ही बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया और उस पुस्तक को कालेपानी की सजा यानी कि प्रतिबंधित कर दी गई।
किताब पर सरकार ने वर्ष 2000 में हटाई तो हाथों-हाथ बिक गई और लोगों ने राजनीति के कई सच का सामना उस पुस्तक के साथ किया। स्वर्गीय अकेला वर्ष 1980 से लेकर 1990 तक सीपीआई तथा आइपीएफ पार्टी से चुनाव लड़ा। लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। तत्पश्चात उन्होंने अपने लेखन में ध्यान केंद्रित किया और रचना के कई रूपों को स्थापित किया। आज उनके निधन से आई रिक्तिका को लोग महसूस कर रहे हैं। स्वर्गीय अकेला अपने पीछे एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं। उनके पुत्र गौरव अकेला भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हैं और सामाजिक गतिविधियों में आगे रह रहे हैं। उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार आज ही शहर के अधीन नदी में देर रात किया जाएगा।
Adheen nadi nahi Adri naadi