पटना

सत्यदेव हॉस्पिटल में डॉ राजेश रंजन ने हॉर्स शू किडनी से सफलतापूर्वक स्टोन को निकाला, मुफ्त में हुई सर्जरी

काफी चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशन, मिनी पीसीएनएल विधि से निकाला गया, मरीज स्वस्थ, डिस्चार्ज किया गया

पटना : राजधानी के आशियाना-दीघा रोड स्थित सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एक किशोरी के हॉर्स शू किडनी से सफलतापूर्वक स्टोन को निकाला गया. स्टोन मिनी पीसीएनएल विधि से बाहर किया गया. इसमें पेंसिल के बराबर छेद होता है। मरीज में अपेक्षित सुधार को देखते हुए उसे गुरूवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.चूंकि यह सर्जरी संवेदनशील होता है. इसीलिए मरीज को ऑब्जर्वेशन में रखा गया था.

मरीज काफी गरीब है. मरीज जहानाबाद की 15 वर्षीय रानी कुमारी(बदला हुआ नाम) है. ऑपरेशन करनेवाले बिहार के जाने माने यूरोलॉजिस्ट और एडवांस लेप्रोस्कोपिक विशेषज्ञ डा कुमार राजेश रंजन ने बताया कि हॉर्स शू किडनी में एनाटोमिकल गड़बड़ी होती है. यह बनावटी गड़बड़ी गर्भ के दौरान ही पनप जाती है. इसमें किडनी अपने नियत स्थान पर नहीं होता है.इसलिए ऐसे में सर्जरी काफी जटिल और संवेदनशील हो जाती है. हॉर्स शू की सर्जरी में नस कटने, अत्यधिक रक्तस्राव होने आदि की आशंका होती है.

हॉर्स शू किडनी के लोगों में किडनी स्टोन, पेशाब के रास्ते में रुकावट, किडनी कैंसर आदि होने की आशंका होती है इसीलिए इस किशोरी को भी कम उम्र में ही किडनी स्टोन हो गया. यह सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत की गई.इसकी वजह से कोई शुल्क नहीं लिया गया.डा कुमार राजेश ने बताया कि स्टोन 2 सीएम का था.

यह मीडियम साइज होता है.बच्ची के पेट में दर्द रहता था. मुझसे दिखाई तो जांच में हॉर्सु किडनी पता चला जिसके दाहिने साइड के किडनी में स्टोन था.अबतक मरीज के परिजन को हॉर्स शू किडनी के बारे जानकारी नहीं थी. ऑपरेशन 30 मिनट चला. सर्जरी पूरी तरह सफल रही.

सत्यदेव सुपर स्पेशयलिटी में किडनी से जुड़े हर रोग का इलाज: डॉ अमृता

अस्पताल की निदेशक डॉ अमृता ने बताया की डॉ कुमार राजेश रंजन पटना के आशियाना-दीघा रोड के मजिस्ट्रेट कॉलोनी स्थित सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मरीजों को देखते हैं. ये अबतक दर्जनों हॉर्स शू किडनी से जुड़ी अलग-अलग विकार का दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर इलाज कर चुके हैं. हॉर्स शू किडनी से बड़े आकार का भी स्टोन सफलतापूर्वक निकाल चुके हैं.

सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल यूरोलॉजी या मूत्र रोग संबंधी समस्या के इलाज के लिए पूर्वोत्तर भारत में प्रसिद्ध हो चुका है. यहां किडनी, प्रोस्टेट, मूत्र प्रणाली, बांझपन संबंधी सभी तरह की बीमारियों का इलाज एडवांस लेप्रोस्कोपिक विधि से होता है. साथ अन्य तरह के बीमारियों का भी यहां इलाज होता है। इस हॉस्पिटल में स्मार्ट आईसीयू, इंटेंसिव केयर यूनिट आदि की सुविधा उपलब्ध है.

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