
कल्याणपुर/केसरिया, पूर्वी चंपारण
जन सुराज पदयात्रा: 90वां दिन प्रशांत किशोर का भाजपा और महागठबंधन पर बड़ा हमला, कहा – जनता का साथ मिल गया तो भाजपा और महागठबंधन दोनों को बिहार की राजनीति से साफ कर देंगे
जन सुराज पदयात्रा के 90वें दिन की शुरुआत कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत दिलावरपुर पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ दिलावरपुर हाई स्कूल से निकले। आज जन सुराज पदयात्रा पूर्वी चंपारण के रघुनाथपुर, दरमाहा, मठिया, केसरिया नगर पंचायत, बथना होते हुए केसरिया प्रखंड के गोछी कुशहर पंचायत के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1050 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और शिवहर में उन्होंने 140 किमी से अधिक की पदयात्रा की। पूर्वी चंपारण में अबतक 360 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। दिन भर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 आमसभाओं को संबोधित किया और 7 पंचायत, 13 गांव से गुजरते हुए 19.5 किमी की पदयात्रा तय की। इसके साथ ही प्रशांत किशोर स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया।
लालू और नीतीश जनता को सालों से धर्म-जाती पर पिसे जा रहे हैं, इस बार जनता विकास के नाम पर उन्हें पिसेगी: प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा के दौरान रघुनाथपुर पंचायत में आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में लोग जिस 3 शब्द से परेशान हैं और हर जगह लोग मुझे बताते हैं वो है – अफसरशाही, भ्रस्टाचार और पीसी। दलाली का नया नाम बिहार में है – ‘पीसी’। बिहार में आज ऐसा कोई काम नहीं है जहां पीसी नहीं लिया जाता। ‘पीसी’ की चक्की में जनता आज पिस रही है। हर आम सभा में मुझे पूछा जाता है कि जन सुराज के आने से किसका नुकसान ज्यादा होगा भाजपा या महागठबंधन का? मैं उनको बस इतना बताता हूं कि अभी तो दल बना भी नहीं है और मेरे विरोधी तिलमिलाए हुए हैं। 90 दिन से पैदल चल रहे हैं, ये ना कोई रैली है, ना धरना प्रदर्शन, फिर भी विरोधियों में डर का माहौल बन गया है। जन दल के आगे कोई बल नहीं है, एक बार जनता का साथ मिल गया तो भाजपा और महागठबंधन दोनों को बिहार की राजनीति से साफ कर देंगे।
सिर्फ सड़क बनाने से बिहार का समग्र विकास नहीं हो सकता: प्रशांत किशोर
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि केवल सड़क का बन जाना बिहार में विकास नहीं है। सड़क बन जाने से बिहार की जनता को बस राहत मिल जाएगी, उससे विकास और रोजगार का मिल पाना संभव नहीं है। विकास तब होगा जब हर पंचायत में बच्चों के पढ़ने की पूरी व्यवस्था हो, किसानों की आमदनी दोगुनी हो, हर पंचायत में रोजगार की व्यवस्था उपलब्ध हो और बिहार से युवाओं का पलायन रुके। पिछले 30 सालों में जनता ने जिसको भी चुना उसने जनता को ठगा है। अब जनता को अपना विकल्प बनाने का समय आ गया है। बिहार की जनता के मन में डर है कि आप अलग विकल्प बना कर इतने जटिल नेताओं से कैसे लड़ेंगे? इस प्रश्र का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि हमने आज तक जिस दल या नेता का हाथ पकड़ा हैं, उन्हें कभी हारने नहीं दिया। इस बार ना कोई दल है ना कोई नेता, इस बार जनता का हाथ पकड़े हैं और उनके साथ लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी।