
विशेष। लीनिंग टावर ऑफ पिसा ( Leaning Tower of Pisa ) , इटली के छोटे से शहर पिसा में स्थित है। ग्रीक भाषा में पिसा का मतलब होता है दलदल वाली जमीन।
विश्व भर के लोग यह जानते हैं कि पिसा की मीनार थोड़ी झुकी हुई है और इसी वजह से ये विश्व भर में प्रसिद्ध है , लेकिन आपके मन मे ये सवाल आता होगा कि ये पिसा की मीनार गिरती क्यों नहीं ? आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं। लेकिन ये जानने से पहले हमें ये जानना होगा कि ये पिसा मीनार झुकी हुई क्यों है?
झुकी मीनार का वजन है 14570 टन
इस टावर को बनाने की शुरुआत 1173 में कई गयी थी। सिर्फ 3 मीटर बेस के सपोर्ट से बनी ये बिल्डिंग 57 मीटर ऊँची हैं और इसका कुल वजन 14570 टन है। इसके आस पास कोई भी ठोस जमीन नहीं है। और यहाँ की मिट्टी पूरी तरह धँसने वाली है। जो कि किसी भी तरह इतने बड़े मीनार को संभालने के काबिल नहीं थी। और यही वजह है कि इसके निर्माण कार्य शुरू होने से 10 साल बाद से ही इसका झुकना शुरू हुआ ।
200 वर्ष लगा पिसा की झुकी मीनार बनाने में
लेकिन तब तक इसकी 3 मंजिले बन चुकी थी। दरअसल इस मीनार को बनाने के लिए 200 साल का समय लग गया। 1372 तक ये मीनार बन कर तैयार हो गई थी। लेकिन 1990 में इस मीनार को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार 5.44° झुकने के बाद ये मीनार कभी भी गिर सकती थी। और 1990 तक इस मीनार में 5.30° तक का खतरनाक झुकाव आया था, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि ये मीनार अभी तक नीचे नहीं गिरी।
तो फिर वो ऐसी क्या चीज थी कि वो इसे गिरने से बचा लिया?
1990 के बाद जब इस मीनार को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था तब इस मीनार को बचाने का काम शुरू किया गया था। 1992 में इंजिनीयर्स की एक टीम ने मीनार का जो हिस्सा ऊपर उठा है उस हिस्से के नीचे से 38 क्यूबिक मिट्टी को निकाल दिया, फिर उसके नींव को स्टील की केबल से खींच कर बाँध दिया इसी वजह से इसका झुकाव 5.30° से घटकर 4° तक आ गया, और ये मीनार स्थिर हो गयी और पर्यटकों के लिए भी खोल दी गयी। वैज्ञानिकों की माने तो अब इस मीनार की उम्र 300 साल बढ़ गयी है।
1280 से अब तक चार बार मीनार ने बड़े भूकंप को बर्दास्त किया,लेकिन गिरा नही
लेकिन वैज्ञानिकों के मन में एक सवाल अभी तक था कि 1280 से अब तक चार बार इस मीनार ने भूकम्प का सामना किया था लेकिन फिर भी इस मिनार को कोई भी हानि नहीं हुई थी लेकिन क्यों? इस घटना ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों का ध्यान मीनार की ओर खींच लिया था, लेकिन जवाब किसी के पास नहीं था। जब यूरोप के 16 वैज्ञानिकों की टीम ने इसका अध्ययन किया तो उन्होंने बड़ी चौंकाने वाली खोज की।
जो मिट्टी इस मीनार के गिरने की वजह हो सकती थी वही मिट्टी इसके बचने का कारण भी हैं। इस प्रोसेस को डायनामिक सॉयल स्ट्रक्चर इंटरैक्शन कहते हैं। दरअसल मीनार के नीचे मौजूद मुलायम मिट्टी भूकंम्प के दौरान कम्पनों को रोक देती है और भूकंम्प के वाइब्रेशन को सोख लेती है जिस वजह से इस मीनार को किसी भी तरह की हानि नहीं होती है।
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