
औरंगाबाद (कपिल कुमार)
जिसकी तलवार की छनक से अकबर का दिल घबराता था वह अजर और वह शुरवीर वह महाराणा कहलाता था। इसी पंक्ति के साथ गुरुवार को शहर के बायपास स्थित शिव वाटिका विद्या मंदिर के प्रांगण में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि को मनाया गया। इस समारोह के मुख्य संचालक प्राचार्य राजीव रंजन एवं शिक्षक, शिक्षिकाओं तथा छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। उपस्थित लोगों ने महाराणा प्रताप की जीवनी पर प्रकाश डाला। छात्र-छात्राओं ने उनके पुण्यतिथि पर उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया। महाराणा प्रताप ने कैसे राज्य को संचालन तथा साम्राज्य को कैसे संभाल रखा इसकी जानकारी बच्चों को दी गई। महराणा प्रताप वीर शौर्य का प्रतीक माने जाते हैं। उनका युद्ध अकबर के साथ हुआ वे 40000 सैनिकों को हरा रखा था। उनसे एक कुशल एवं वीर योद्धा बनने की प्रेरणा मिलती है। बच्चों ने उनका वीरगाथा कहानी गीत के रूप में गाकर प्रस्तुत किया। बच्चों के बीच पर प्रतियोगिता करा कर उन्हें पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर विद्यालय के राजीव रंजन, संजय कुमार सिन्हा, अमित रंजन, सत्येंद्र कुमार, रितुल कुमारी, किरण कुमारी, संतोष कुमार, बैजनाथ कुमार,प्रियदर्शनी मिश्रा सहित सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।