
औरंगाबाद (कपिल कुमार)
गुरुवार को जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल, एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम समेत अन्य पदाधिकारियों ने बभन्डीह स्थित बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 49 के अधीन संचालित सुरक्षित स्थान औरंगाबाद का निरीक्षण किया गया। इस संस्थान में बिहार के 11 विभिन्न जिलों के 16 वर्ष से अधिक आयु के जघन्य अपराधों में लिप्त किशोर एवं 18 वर्ष से अधिक आयु के विचाराधीन मामलों में लिप्त किशोर संवासित है। जिनकी वर्तमान संख्या 119 है। जो कि गृह की आवासन क्षमता 50 से बहुत अधिक है। संवासितों के विरुद्ध उक्त संस्थान में कार्यरत कर्मियों की संख्या कम है। निरीक्षण के दौरान चारों वार्डों के संवासितों से बातचीत की गई। उनके खान-पान, शिक्षण, खेल-कुद एवं अन्य संबंधित मामलों की जानकारी ली गई। सभी संवासितों ने खान-पान, शिक्षण, खेल-कूद एवं अन्य सेवा से संतुष्टि जाहिर की। इसके बाद बभण्डी में ही देखरेख एवं संरक्षण के जरुरतमंद 200 बच्चों (0 से 21 वर्ष के 100 बालक एवं 100 बालिका) हेतु निर्माणाधीन वृहत आश्रय गृह का भी निरीक्षण किया गया।उक्त आश्रय गृह का लगभग 60 प्रतिशत निर्माण कार्य सम्पन्न हो चुका है जिसे जून 2023 तक सम्पन्न किया जाना है। तत्पश्चात शहर के कर्मा रोड में बी.एल. इण्डों स्कूल के सामने स्थित ‘आरोहण’ विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान (Specialized Adoption Agency) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उक्त संस्थान में 09 बच्चे (विशेष आवश्यकता वाले 03 बच्चे सहित) आवासित थे। समन्वयक, सामाजिक कार्यकर्त्ता, आया आदि सभी कर्मी मौजूद थे।