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ई-ओटीएस एप के माध्यम से पीएनबी लाभुकों को मिला रामबाण की तरह सुविधा, एक माह में जिले में 2800 तो पूरे बिहार में 10 हजार से ज्यादा लाभुकों मिली सहूलियत

दिसम्बर 2022 में हुई शुरुआत, जनवरी 2023 तक हजारों लाभुक हो गए लाभान्वित, वर्षो से बैंक लोन से परेशान लाभुकों को घर बैठे मिल रही सुविधा, फर्जीवाड़ा का डर भी हुआ समाप्त

औरंगाबाद से कपिल कुमार

पंजाब नेशनल बैंक द्वारा पिछले वर्ष यानी दिसंबर 2022 में शुरुआत की गई ई- ओटीएस के माध्यम से अब घर बैठे लाभुक अपने परेशानी को दूर कर रहे हैं। वर्षों से बैंक लोन से परेशान या फिर बैंक की किस्त भरते भरते बैंक जाने की परेशानी व झंझट एक ही एप से खत्म हो रही है। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा दिसम्बर 2022 में शुरुआत की गई एक्सप्रेस ऑन टाइम सेटेलमेंट (ई-ओटीएस) फ़ॉर कस्टमर विद एनपीए एसीएस रामबाण की तरह कारगर व सुविधाजनक साबित हो रहा है। मंगलवार को इस वेबसाइट से संबंधित जानकारी देते हुए पंजाब नेशनल बैंक के मंडल कार्यालय के मंडल प्रमुख दीपक आचार्य ने बताया कि इस ऐप के जरिए एक मुश्त में समझौते की राशि बीना किसी परेशानी के घर बैठे दूर किया जा सकता है। यह वैसे लोगों के लिए रामबाण की तरह कारगर साबित हो रहा है जो अपने घर से दूर हैं। इस ऐप के माध्यम से वैसे लाभुकों को बैंक आने की जरूरत नहीं है जो बैंक से लोन ले चुके हैं या किसी तरह का कोई बैंक का पैसा बकाया है। इस ऐप के जरिए लाभ हो अपने घर या संस्थान में बैठे हैं एक मोबाइल फोन के जरिए अपनी किसको जमा कर सकते हैं। इस दौरान लोगों को न तो किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा का डर रहेगा और ना ही अदर इंटरेस्ट के पैसे लगेंगे। बैंक आने में उन लोगों को परेशानी होती थी सभी दस्तावेज निकालकर बारी-बारी से चेक करना होता था लेकिन इस ऐप में एक ऐसे सिस्टम लॉगिन किया जाता है जो कस्टमर के खाते को लॉगिन करते ही उनकी पूरी डिटेल आ जाती है और फिर एक मुश्त में जितने पैसे जमा करते हैं उसका उतना लाभ मिलता है। मंडल प्रमुख ने यह भी बताया कि अगर किसी कस्टमर का 10000 का पैसा बकाया है तो उन्हें एक मुश्त में ही जमा करना चाहते हैं तो उनका किसी तरह का कोई इंटरेस्ट नहीं लगेगा। अगर दो मुश्त में जमा करना चाहते हैं तो उन्हें कुछ दिनों तक बिल्कुल फ्री इंटरेस्ट की सुविधा मिलती है। मंडल प्रमुख ने बताया कि अब तक इस ऐप का लांचिंग हुए मात्र 1 माह होने को है लेकिन एक माह के अंदर औरंगाबाद मंडल के अंतर्गत लगभग 3000 लाभुकों का लाभ इस ऐप के जरिए मिल चुका है। और वे इस ऐप से काफी खुश हैं। बिहार की बात की जाए तो पूरे बिहार में अब तक 10000 से अधिक लाभुकों को इस ऐप के जरिए समस्या का समाधान हुआ है। यह एप नहीं था तो लोग लोक अदालत या फिर बैंकों का चक्कर काटते रहते थे, लेकिन इस ऐप के माध्यम से अब कहीं भी किसी जगह रहते हुए भी अपनी समस्या को दूर कर रहे हैं।

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