
औरंगाबाद। राज्य की सरकार अब संवेदनहीनता की पराकाष्ठा लांघ गई है और यही कारण है कि उसके मुलाजिम भी अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने में कही कोई कोताही नही करते।क्योंकि जंगलराज पार्ट 2 में सभी उसी अनुरूप ढल चुके हैं।बिहार के प्रत्येक जिलों में महादलितों को बेवजह हत्याएं हो रही है और उसका संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है।सभी अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर चैन की बंशी बजाने में मशगूल हैं। यह बात रफीगंज विधानसभा के प्रत्याशी रहे लोजपा के वरीय नेता प्रमोद सिंह ने उस वक्त कही जब वे मदनपुर थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र चरैया(मुड़गड़ा) में एक महादलित की हुई हत्या के बाद उसके परिजनों से मुलाकात करने गए थे।
श्री सिंह ने बताया कि मदनपुर प्रखंड के नीमा आंजन पंचायत के चरईया(मुड़गड़ा) से विगत 05 मई को देव के बेलसारा गांव बारात गई थी। बारात में दरवाजा लगते समय डीजे बज रहा था। उसी समय वीडियो बनाने को लेकर बेलसारा के लोग हंगामा शुरू कर दिए। दरवाजा लगने के बाद बेलसारा गांव के वार्ड सदस्य के नेतृत्व में आठ दस लोग लाठी डंडा लेकर आये और गोलू भुईयां पिता राजाराम भुईयां तथा रमेश भुईयां पिता कामता भुईयां को मारने लगे। मारपीट के दौरान भागने के क्रम में गोलू गिर गया। जिससे डीजे वाली गाड़ी उसपर चढ़ कर पार कर गई।इधर मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुए रमेश को मृत समझकर फेंक दिया गया।
ऐसी घटना की जानकारी जब चरईया गांव के लोगों को हुई तो कई ग्रामीण वहां पहुंचे और दोनों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देव अस्पताल पहुंचे। मगर दोनो की स्थिति को काफी गंभीर देखते हुए दोनो को वहां से सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां से भी उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा गया और पटना पहुंचने से पूर्व विक्रम में ही गोलू की मौत हो गई।जबकि रमेश का इलाज चल रहा है। श्री सिंह ने बताया कि गोलू के मौत की सूचना पर गांव पहुंचकर परिजनों को ढाढस बंधाया तथा श्राद्ध के लिए आर्थिक मदद किया।साथ ही साथ घायल रमेश भुईयां को ईलाज के लिए आर्थिक मदद किया और औरंगाबाद सदर अस्पताल जाकर सी.टी.स्कैन कराने का सलाह दिया।
श्री सिंह ने कहा कि इतनी बड़ी घटना घट जाने के बाद जब दोनो को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देव और उसके बाद औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया तो दोनो जगहों के अस्पताल प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरती गई और थाने को ओडी स्लिप तक नही भेजा गया जिसके कारण उनके परिजनों का बयान तक दर्ज नही हो सका जिसके कारण उनके परिजन सरकारी मुआवजे से वंचित रह गए।उन्होंने कहा कि ऐसे लापरवाह चिकित्सकों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए।
श्री सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त वे चरईया गांव के बुधन भुईयां के घर पहुंचे जहां उनकी पत्नी का दर्जी बिगहा मोड़ पर सड़क दुर्घटना मे कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। उनके परिवार से मिलकर सांत्वना दिया एवं सड़क दुर्घटना मे मिलने वाली सरकारी राशि दिलवाने का भरोसा दिया।
इस दौरान प्रो.संतोष सिंह, विनय कुमार सिंह, बिपिन कुमार सिंह, मनीष राज सिंह, निखिल कुमार सिंह, सुनील सिंह, सुर्यदीप यादव, महेंद्र सिंह(सरपंच, नीमा आंजन),टिंकु जी(पैक्स अध्यक्ष, नीमा आंजन),दिलीप सिंह(आंजन), धनंजय सिंह, संजय सिंह, दिलीप सिंह, रामाकांत सिंह,शैलेन्द्र यादव, पंकज पासवान एवं चरईया के सभी ग्रामीण जनता उपस्थित थे।