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औरंगाबाद में शहीद अंबुज का शव आते ही बिलख पड़े परिजन, सात सलामियों के साथ दी गई अंतिम विदाई

औरंगाबाद , कपिल कुमार

असम राइफल्स के सिपाही पड़ पर कार्यरत एक जवान की मौत के बाद उनके पैतृक गांव औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के बीबीपुर गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार बीबीपुर गांव निवासी रविंद्र सिंह के 35 वर्षीय पुत्र अंबुज कुमार उर्फ प्रिंस असम राइफल्स में सिपाही के पद पर कार्यरत थे। ड्यूटी के दौरान ही उन्हें अचानक बीमारी जकड़ लिया था। काफी दिन से इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। जैसे ही सिपाही प्रिंस के परिजनों को पता चला कि अंबुज अब इस दुनिया में नहीं रहे, वैसे ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। दिल्ली के अस्पताल में मौत के बाद अंबुज का पार्थिव शरीर सेना के जवानों द्वारा उनके पैतृक गांव शनिवार की दोपहर लाया गया। जहां 7 तोपों की सलामी देकर उन्हें अंतिम विदाई की गई। दाह संस्कार अंबुज के पैतृक गांव बीबीपुर के श्मशान घाट पर की गई। जहां सैकड़ों लोगों की भीड़ व विभाग के कई पदाधिकारी व जवान भी उपस्थित थे। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गांव आया था वैसे ही बीबीपुर के अलावे आस-पास के गांव के लोग उनके घर पर जुट पड़े थे। अंबुज का शव देखते ही तमाम लोगों की आंखें नम हो चुकी थी और अंबुज एक होनहार लड़के थे कार्य काफी सराहनीय था वह सभी के साथ मिलते जुलते थे ऐसा सुनने को मिल रहा था। बता दें कि प्रिंस के दो बच्चे थे एक 5 वर्ष का बेटा व 3 वर्ष की बेटी भी थी। इन दोनों मासूम बच्चों को छोड़कर प्रिंस दुनिया के लिए स्वर्ग सिधार गए। अब बच्चों के लालन-पालन के साथ-साथ जिम्मेवारी इनके मां पर आ गयी।

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