
औरंगाबाद। रविवार को किसान संघर्ष समिति, कुटुंबा औरंगाबाद के तत्वाधान में देव प्रखंड के बरंडा रामपुर गांव में वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे के प्रभावित किसानों के साथ किसान संघर्ष समिति ने एक बैठक आहूत किया। भारतमाला परियोजना के तहत निर्माण हो रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में हो रही अन्यायपूर्ण अधिग्रहण को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान किया है।
इस बैठक में किसानों की विभिन्न समस्याओं के साथ आगामी 9 अक्टूबर को जिले में किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन और ‘किसान शंखनाद आंदोलन’ पर चर्चा की गई। इस बैठक में उपस्थित सभी किसानों ने अन्यायपूर्ण तरीके से हो रहे भूमि अधिग्रहण और उचित मुआवजे के साथ सर्विस रोड (सहायक सङक) की मांग को लेकर तन-मन-धन से, संवैधानिक तरीके से अपनी लड़ाई को लड़ने का आह्वान किया है।
‘किसान शंखनाद आंदोलन’ में राकेश टिकैत के आगमन पर सभी लोगों ने हर्ष व्यक्त किया और आगामी 9 अक्टूबर को टिकैत के कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में हिस्सा लेने का फैसला किया है।
● क्या है ‘वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे’ के किसानों की मांग?
पिछले कई महीनों से एक्सप्रेसवे के पीङित किसानों ने धरना प्रदर्शन और पदयात्रा के तहत अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। किसानों की मूल मांग में 8 वर्ष से स्थिर एमवीआर/सर्कल रेट में बढ़ोतरी, सहायक पथ या सर्विस रोड की मांग के साथ ही, ग्रामीण सङक और एनएच-139 के किनारे की अधिग्रहण की जा रही 200 मीटर तक की भूमि की प्रकृति को आवासीय करने की मांग की जा रही है।
किसानों ने आरोप लगाया है कि भू-अर्जन विभाग बिना आपत्ति सुने अपनी कारवाई कर रही है जिसके कारण उनके द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन डी में भारी त्रुटि है। जिसपर भू-अर्जन विभाग ने मौन साधे रखा है।
मौके पर जनसंपर्क अभियान में दिलीप सिंह, अध्यक्ष वीरेंद्र पाण्डेय, सचिव जगत सिंह, राजकुमार सिंह, मीडिया प्रभारी विकास सिंह, नंदू मेहता, हरिशंकर महतो, अवधेश शर्मा, डोमन महतो, बलिराम सिंह, राजेन्द्र मेहता, दामोदर मेहता, शिवचंद मेहता सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थें।