
औरंगाबाद कपिल कुमार
औरंगाबाद शहर के जाने-माने प्रख्यात चिकित्सक डॉ रामाशीष सिंह की प्रथम पुण्यतिथि सोमवार को मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते ही भावुक हो गए। चित्र देख उनकी सारी यादें व उनके द्वारा किये गए समाजिक कार्य ऐसे याद आने लगे जैसे वे सामने ही है।
वक्ताओं ने कहा कि उनकी कमी हमेशा याद आते रहेंगे। इनके आवास पर आयोजित पुण्यतिथि कार्यक्रम में बुद्धिजीवी, समजसेवी व गणमान्य लोगों ने पूजा- पाठ संपन्न कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कर्मकांड कराते हुये महान ज्योतिषी ,आचार्य पंडित श्रीराम पांडेय जी और पूजा- पाठ करते डॉक्टर साहब के सुपुत्र डॉक्टर ऋत्विक और जीवनसंगिनी नीला सिंह ने भवभिनि श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डॉक्टर ऋत्विक ने कहा कि जीवन के अनजान राहों पर कभी-कभी कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं। जो सायास नहीं ,अनायास ही हमारी जिंदगी में प्रविष्ट होकर जीवन का उद्धार और परिष्कार के वाहक बन जाते हैं। ऐसे ही विरल व्यक्तित्वों में हमारे अभिभावक स्मृतिशेष डॉक्टर रामाशीष सिंह रहे। जिन्होंने हमारी उबड़-खाबड़ जिंदगी को प्रशस्त मार्ग उपलब्ध करा, हमारे थके हारे सोये हुए हुए सपनों को एक सशक्त पंख दिए, ताकि मैं जीवन में उड़ान भर सकूँ। एक फ्रेंड, फिलॉसोस्फर और गाइड की बेहतरीन भूमिका में उनके द्वारा संपादित कृतं कर्मों का मेरे पास कोई प्रतिदान नहीं, मात्र शब्दों से प्रतिपूर्ति करने का एक लघु प्रयास ही संभव है। उनके आत्मिक लगाव और भद्र चिंतनयुक्त कार्य प्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है कि वे मात्र हमारे लिए बने थे ।
स्वयं तो पारस थे जिसका संस्पर्शन कराकर मुझ जैसे एक कुधातु को कंचन बना दिया। पुनः स्वयं निर्विकार भाव से इहलीला संपन्न कर, चुपचाप संसार से विदा हो गए। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने उनके दिव्य आत्मा को उनकी प्रथम पुण्य तिथि पर शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि दी।