औरंगाबाद , कपिल कुमार
औरंगाबाद सदर अस्पताल में पूरे जिले के दिव्यांगों को प्रत्येक माह 15 व 30 तारीख को होने वाले शारीरिक जांच व दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर पिछले कई बार से डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण दिव्यांग परेशानी झेल रहे हैं।दिव्यांगों को हर बार निर्धारित तिथि पर जांच नही होने के कारण काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 4 महीनों से प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांग सदर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की घोर लापरवाही के कारण दिव्यांग अपने निर्धारित तिथि पर तो अस्पताल पहुंच जाते हैं, लेकिन शारीरिक जांच नहीं होने के कारण वे मायूस होकर वापस लौटते हैं। इनके मुंह से निकलने वाले मायूसी भरी आवाज से लगता है की दिव्यांगों को दिखने में तो कष्ट होता ही है अंदर ही अंदर मन कुण्ठित होता रहता है। ऐसे में न तो सिविल सर्जन और न ही डॉक्टरों इसे गम्भीरता से ले रहे हैं। गुरुवार को सदर अस्पताल में पहुंचे विभिन्न प्रखंडों से दिव्यांगों ने बताया कि हम लोग को लिखित की थी 30 जून को मिला था सुबह 9:00 बजे से सदर अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों का इंतजार कर रहे हैं लेकिन दोपहर के 2:00 बजने वाला है। अब तक ना तो कोई चिकित्सा कर्मी हालचाल जानने आए हैं और ना ही कोई डॉक्टर जांच करने। हम लोग निराश होकर हर बार की तरह इस बार भी वापस घर जाएंगे। कुछ दिव्यांगों ने बताया कि हम लोग को आने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पैर से चलना तो दूर की बात घर से निकलने के लिए भी किसी का सहारा लेना पड़ता है। आने के लिए किसी को साथ लेकर घर से निकलना पड़ता है। दरवाजे से ऑटो या बाइक के सहारे काफी रुपए खर्च कर 20 से 30 किलोमीटर दूरी तय कर सदर अस्पताल आते हैं। इसके बावजूद भी चिकित्सक जांच नहीं करते हैं और निराशा लेकर घर जाना पड़ता है। सदर अस्पताल पहुंचे दिव्यांगों ने जब हंगामा शुरू किया और जब मीडिया कर्मी पहुंचे तो सदर अस्पताल प्रबंधन से ठिकाने पर आई और दिव्यांगो की हालचाल लेने की कोशिश की। दोपहर 2:30 बजे के बाद चिकित्सक जांच करने पहुंचे तो दिव्यांगों में जान में जान आई। बारी बारी से दिव्यांगों का जांच किया गया और उनकी दिव्यांगता का प्रतिशत दर्शाते हुए उन्हें प्रमाण पत्र बनाने की बात कही।