व्यंग्य

फिल्मी पटकथा लेखक औरंगाबाद निवासी प्रभात बांधुल्य की जातीय जनगणना पर लिखा व्यंग्य खूब हो रहा है वायरल

बिहार में जातीय जनगणना को सरकार द्वारा सोमवार को सार्वजनिक कर दिया गया और मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर बिहार को देश का पहला राज्य बताया जिसने जातीय जनगणना कराया। इसके सार्वजनिक होने के बाद राजनीतिक विरोधियों द्वारा बयानबाजियों का दौर भी जारी है और इसके माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जुबानी तीर छोड़े जा रहे हैं।

वही, औरंगाबाद के रहने वाले फिल्म पटकथा लेखक प्रभात बांधुल्या का जातीय जनगणना से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में प्रभात ने जातीय जनगणना पर करारा व्यंग्य किया है और अपने कविता के माध्यम से एक-एक जातियों के भावनाओं को शब्द प्रदान किया है। जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है।व्यंग्य की शुरुआत एक राजा से होती है।जिसकी जात कुर्मी, लोहार, यादव, ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, यादव और कायस्थ नहीं बताया गया है।

बल्कि, उसकी जात राजगद्दी बताई गई है और राजा की व्यवहार कुशलता को लेकर नसीहत भी दी।कविता के माध्यम से उन्होंने जातीय उन्माद में समाज को बांटने वालों का चेहरा उजागर किया है। इसके पूर्व प्रभात उस वक्त काफी चर्चा में आए जब पिंकी नाम की एक प्रतियोगी परीक्षार्थी ने बेरोजगारी के दंश को झेलते हुए प्रभात को अपना प्रेमी बताते हुए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पत्र लिखा था और नौकरी की मांग की थी।

पिंकी का पत्र भी तेजी से वायरल हुआ और प्रभात ने देश विदेश में मीडिया के माध्यम से सुर्खियां बटोरी।इसके अलावा प्रभात की लिखी दो पुस्तके बेहद चर्चित रही है। एक “बनारस वाला इश्क” जो वामपंथ और दक्षिणपंथ की विचारधारा के युवक-युवती की प्रेम कहानी है। दूसरी “यू कैन कॉल मी काफिर” है।इसके अलावा “कलटू और मैना” नाम से एक उपन्यास भी लिखा है।

उन्होंने चर्चित टीवी सीरियल निर्मात्री एकता कपूर के धारावाहिकों के लिए पटकथाएं भी लिखी है। प्रभात की एक शॉर्ट फिल्म “फिक्स रेट” भी आई है। इस फिल्म की कहानी बिहार के पंचायती राज सिस्टम की पोल खोलनेवाली है। यह फिल्म सिस्टम के करप्शन को दिखाती हुई बताती है कि बिना दो हजार का खाना(घुस) दिए पाखाना(शौचालय) तक नही बनता है।प्रभात की हाल में आई भोजपुरी फिल्म “लव स्टोरी ऑफ गाजीपुर” भी चर्चा में रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page